आज हम आपको समाज की दो तस्वीर दिखाने की कोशिश कर रहे है। एक तस्वीर समाज के पढ़े लिखे और खुद को सभ्य बताने वाले की है वहीं दूसरी तस्वीर एक ऐसे वर्ग की है जिन्हें हम सभ्य नहीं मानते, ये अनपढ़ है, और दैनिक मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते है। तस्वीर में हम आपको यह दिखाने का प्रयास कर रहे कि देश और समाज के लिए हमें किसे अपना मॉडल बनाना चाहिए।
पूरे देश मे कोरोना वायरस को लेकर लॉक डाउन है। साथ ही देश में कई नियम कानून भी लागू किये गए है, जिसमे एक है सोशल डिस्टनसिंग का पालन करना। ऊपर की तस्वीर में जो व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ मोटरसाइकिल पर जा रहे है वो पुलिसवाला है। वहीं दूसरी तस्वीर में जो पैदल चल रहे, वो मजदूरों की है। दोनों में अंतर यह है कि पैदल वाले सोशल डिस्टनसिंग का पालन कर रहे हैं। वहीं पढ़े लिखे और खुद को सभ्य बताने वाले इंसान जो यह जानते है कि बाइक पर सिर्फ एक व्यक्ति को चलने का अधिकार वर्तमान में है।
जब ऐसी तस्वीर आती है तो हमे यह सोचने को मजबूर जरूर करती है कि कौन अपने देश और समाज के हित में आगे बढ़ रहा है। मजबूरी शायद दोनों की होगी। लेकिन देश हित में क्या सही है इस पर भी हमें सोचने की जरूरत है। बहरहाल लॉक डाउन 4.0 में बहुत कुछ बदल रहा है। लेकिन कोरोना का खतरा लॉक डाउन के साथ कम नहीं होने वाला है। आगे भी हमें कुछ नियमों के साथ ही जीना है।