अफ्रीकी देश कांगो के पूर्वोत्तर हिस्से में एक बार फिर मिलिशिया हिंसा ने भयावह रूप ले लिया। सोमवार को कोडेको (CODECO) मिलिशिया ग्रुप ने इटुरी राज्य के जाइबा गांव पर हमला कर कम से कम 55 लोगों की हत्या कर दी। पीड़ितों में ज्यादातर विस्थापित लोग थे, जिन्हें कुल्हाड़ी और बंदूकों से बेरहमी से मारा गया। गांव के मुखिया एंटोइनेट नजाले ने बताया कि हमलावरों ने कई घरों को जला दिया, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
संयुक्त राष्ट्र और सरकारी सेना हमले को रोकने में नाकाम
नजाले के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र की पीस फोर्स और कांगो की सेना ने हमलावरों से निपटने की कोशिश की, लेकिन मिलिशिया की संख्या इतनी अधिक थी कि वे नागरिकों की सुरक्षा करने में असफल रहे।
कोडेको के हमले में अब तक 1,800 मौतें
कोडेको मिलिशिया कांगो के लेंदू समुदाय से जुड़ा हुआ है और पिछले तीन वर्षों में इसके हमलों में 1,800 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।
कांगो में दशकों से जारी है हिंसा
कांगो के पूर्वी हिस्से में 120 से अधिक मिलिशिया ग्रुप सक्रिय हैं, जो खनिज खदानों और जमीनों पर कब्जे के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कुछ समूह अपने समुदायों की रक्षा करने के लिए बनाए गए थे, लेकिन धीरे-धीरे हिंसक हो गए।
रवांडा समर्थित विद्रोहियों ने भी बढ़ाई अशांति
पिछले महीने संघर्ष और तेज हो गया जब रवांडा समर्थित विद्रोहियों ने उत्तरी किवु राज्य की राजधानी गोमा पर कब्जा कर लिया, जो इटुरी से लगभग 350 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। इससे कांगो में हिंसा की नई लहर उठी है।
इस हमले के बाद क्षेत्र में हालात और बिगड़ सकते हैं, जबकि स्थानीय लोग सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं।