गूगल ने इस भारतीय-अमेरिकी व्यक्ति को बनाए रखने के लिए एक बार 100 मिलियन डॉलर का भुगतान किया था

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एक दशक पहले, गूगल ने एक भारतीय-अमेरिकी व्यवसायी को ट्विटर (जो अब X के नाम से जाना जाता है) में […]

भारत ने पाकिस्तान के मुरीद एयरबेस पर भूमिगत सुविधा को निशाना बनाया? सैटेलाइट तस्वीरें दिखाती हैं भारी नुकसान

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एनडीटीवी द्वारा प्राप्त नई उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली सैटेलाइट तस्वीरों से पाकिस्तान के मुरीद एयरबेस को व्यापक नुकसान हुआ है, जिसमें पाकिस्तान […]

तुर्की में छुट्टी पर गई 28 वर्षीय ब्रिटिश महिला की मौत, पोस्टमॉर्टम में दिल गायब मिला

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इंग्लैंड की दो बच्चों की एक युवा मां की तुर्की में छुट्टी के दौरान अप्रत्याशित रूप से मौत हो गई, […]

“उसे घेरे हुए 6 बंदूकधारी”: जब स्कॉटिश यूट्यूबर ने पाक में ज्योति मल्होत्रा से मुलाकात की

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पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लाहौर के अनारकली बाजार […]

“अमेरिका संयुक्त राज्य अमेरिका में था”: एस. जयशंकर ने ट्रंप के भारत-पाक मध्यस्थता के दावे पर दिया जवाब

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में शत्रुता का रुकना एक प्रत्यक्ष […]

पाकिस्तान ने भारत से की इंद्र जल संधि निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार की अपील, मोदी सरकार का कड़ा रुख

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पाकिस्तान ने भारत को पत्र लिखकर इंद्र जल संधि (Indus Waters Treaty) के निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने नई दिल्ली को पत्र भेजकर भारत से संधि के तहत अपनी ओर बहने वाली नदियों के जल प्रवाह को फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है। बता दें कि 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई यह जल बंटवारा संधि पिछले छह दशक से लागू है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी, के बाद भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इस संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। “पानी और खून साथ नहीं बह सकते” — पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपने संबोधन में साफ शब्दों में कहा, “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। आतंक और बातचीत साथ नहीं हो सकते। आतंक और व्यापार भी एक साथ नहीं चल सकते।” भारत का कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के लिए अपना समर्थन पूरी तरह और विश्वसनीय तरीके से समाप्त नहीं करता, तब तक इस संधि को बहाल नहीं किया जाएगा। भारत ने अपनाई तीन-स्तरीय रणनीति सरकार ने अब तीन-स्तरीय रणनीति (शॉर्ट-टर्म, मिड-टर्म और लॉन्ग-टर्म) तैयार की है ताकि पाकिस्तान की ओर जाने वाले जल प्रवाह को पूरी तरह रोका जा सके। जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि “एक भी बूंद पानी भारत की सीमा से बाहर नहीं जाने दी जाएगी, उसका पूरा उपयोग देश में ही होगा।” इसी के तहत, रुके हुए हाइड्रो प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा करने की तैयारी भी शुरू हो गई है। पाकिस्तान ने दी आंतरिक संकट की चेतावनी पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने अपने पत्र में चेताया है कि संधि का निलंबन उसके देश में जल संकट और गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। लेकिन भारत ने इसे खारिज करते हुए पाकिस्तान पर राज्य प्रायोजित आतंकवाद को लगातार बढ़ावा देने का आरोप लगाया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, […]

जम्मू-कश्मीर के शोपियां में मुठभेड़, तीन आतंकवादी ढेर — एक और की तलाश जारी

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जम्मू-कश्मीर के शोपियां ज़िले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया है। आशंका है कि इलाके में अब भी एक और आतंकी छिपा हो सकता है। यह मुठभेड़ पहले कुलगाम में शुरू हुई थी, जो बाद में शोपियां के जंगलों तक पहुंच गई। सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने खुफिया जानकारी के आधार पर आतंकियों को घेर लिया था, और करीब दो घंटे तक मुठभेड़ चली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ा सख्ती का स्तरइस कार्रवाई का समय बेहद अहम है, क्योंकि यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद हो रही है। बता दें, पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे। इसके साथ ही भारत ने साफ कर दिया था कि अब हर आतंकी हमला युद्ध की कार्यवाही मानी जाएगी और उसका करारा जवाब दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेशप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि: प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की राज्य प्रायोजित आतंकवाद की सच्चाई को एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर किया, जब मारे गए आतंकियों को अंतिम विदाई देने पाकिस्तान के सेना अधिकारी पहुंचे। पाकिस्तान को भी मिला करारा जवाब7 मई को भारत ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए। जवाब में पाकिस्तान ने नागरिक इलाकों पर भारी गोलाबारी और ड्रोन हमले किए, जिनमें कुछ जानें भी गईं। भारत की वायुसेना और एयर डिफेंस सिस्टम ने ज्यादातर हमलों को नाकाम कर दिया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और एयरबेस को निशाना बनाकर भारी नुकसान पहुँचाया। 10 मई को संघर्षविराम की घोषणा हुई, लेकिन भारतीय सेना ने साफ कहा है कि पाकिस्तान की किसी भी हिमाकत का जवाब उसी सख्ती से दिया जाएगा।

चार दिन बाद युद्धविराम: कैसे भारत-पाकिस्तान पहुंचे समझौते तक — जानिए पूरी इनसाइड स्टोरी

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लगातार चार दिन तक मिसाइल स्ट्राइक्स, ड्रोन हमले और एलओसी (LoC) पर तोपों की गरज के बाद, भारत और पाकिस्तान ने 10 मई की शाम से ज़मीन, हवा और समुद्र पर सभी सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला किया। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद जम्मू-कश्मीर और गुजरात में पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए और भारतीय सुरक्षा बलों ने उन्हें मार गिराया। भारत ने इसे सीज़फायर का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि सेना “उचित और सटीक जवाब” दे रही है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस वार्ता में कहा कि भारत इन उल्लंघनों को “बेहद गंभीरता से लेता है।” 📌 कैसे बढ़ा तनाव — पूरी टाइमलाइन सरकारी सूत्रों के मुताबिक, 10 मई की सुबह, भारतीय वायुसेना ने BrahMos-A (एयर-लॉन्च क्रूज़ मिसाइल) से पाकिस्तान के अहम एयरबेस पर हमला किया। पहला निशाना रावलपिंडी के चकलाला और पंजाब प्रांत के सरगोधा में बने एयरफोर्स बेस रहे। दोनों पाकिस्तान की सैन्य लॉजिस्टिक्स और रणनीतिक ताकत के अहम केंद्र माने जाते हैं। बाद में दिन में, खुफिया एजेंसियों ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में जैकबाबाद, भोलारी और स्कार्दू बेस पर भी हमलों की पुष्टि की। हमलों के तुरंत बाद, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी रक्षा नेटवर्क पर हाई अलर्ट मैसेज पकड़े। इसमें संकेत था कि भारत अगला हमला पाकिस्तान के न्यूक्लियर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम पर कर सकता है। इसी के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका से आपात दखल की अपील की। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका पहले से ही हालात पर नज़र रखे हुए था, लेकिन रणनीतिक ठिकानों पर अलर्ट के बाद उसने ज्यादा सख्ती से दखल दिया। अमेरिका ने पाकिस्तान को साफ़ संदेश दिया कि वो तुरंत भारतीय सेना से मिलिट्री हॉटलाइन पर संपर्क करे और तनाव को आगे न बढ़ाए। 📞 सीधे DGMO से बातचीत 10 मई दोपहर बाद, जब पाकिस्तान की आक्रामक गतिविधियां भारत ने पीछे धकेल दीं, तो पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्लाने भारतीय DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को सीधा फोन किया। ये कॉल भारतीय समयानुसार 15:35 बजे हुई, जिसकी पुष्टि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बाद में की। भारत ने साफ किया कि वो कोई औपचारिक कूटनीतिक या सैन्य बातचीत पाकिस्तान से नहीं करेगा और न ही किसी मध्यस्थता को स्वीकारेगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत अगले चरण की सैन्य कार्रवाई के लिए भी तैयार था, जिसमें ऊर्जा और आर्थिक ठिकानों पर हमले समेत पाकिस्तान के रणनीतिक कमांड स्ट्रक्चर को निशाना बनाने की योजना थी। 🚨 Pahalgam हमले के बाद लिए फैसले बरकरार भारत ने यह भी साफ किया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिए गए फैसले, जैसे कि इंडस वॉटर ट्रीटी (IWT) का अस्थायी निलंबन, सीज़फायर से प्रभावित नहीं होंगे। यानी यह रोक आगे भी जारी रहेगी। […]