पहलगाम हमला: NIA ने पुष्टि की हमलावर पाकिस्तानी नागरिक, लश्कर के सदस्य

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने खुलासा किया है कि 22 अप्रैल के पहलगाम हमले में शामिल तीनों आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक थे और उनका संबंध लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से था। इस हमले में 26 निर्दोष…

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ऑपरेशन सिंदूर हमलों में पाकिस्तान के 9 विमान नष्ट हुए: सूत्र नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोषों की जान लेने के बाद भारत की जवाबी सैन्य कार्रवाई, ऑपरेशन सिंदूर, में पाकिस्तान वायु सेना (PAF) के छह लड़ाकू जेट, दो…

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पड़ोसी जासूस: कैसे आम भारतीय बने पाकिस्तानी ISI के मोहरे

पहलगाम आतंकी हमले और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत जवाबी हमलों के बाद से, भारतीय खुफिया एजेंसियां ​​हाई अलर्ट पर हैं। पिछले एक महीने में, राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा,…

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पाकिस्तान ने भारत से की इंद्र जल संधि निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार की अपील, मोदी सरकार का कड़ा रुख

पाकिस्तान ने भारत को पत्र लिखकर इंद्र जल संधि (Indus Waters Treaty) के निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने नई दिल्ली को पत्र भेजकर भारत से संधि के तहत अपनी ओर बहने वाली नदियों के जल प्रवाह को फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है। बता दें कि 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई यह जल बंटवारा संधि पिछले छह दशक से लागू है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी, के बाद भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इस संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। "पानी और खून साथ नहीं बह सकते" — पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपने संबोधन में साफ शब्दों में कहा, “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। आतंक और बातचीत साथ नहीं हो सकते। आतंक और व्यापार भी एक साथ नहीं चल सकते।” भारत का कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के लिए अपना समर्थन पूरी तरह और विश्वसनीय तरीके से समाप्त नहीं करता, तब तक इस संधि को बहाल नहीं किया जाएगा। भारत ने अपनाई तीन-स्तरीय रणनीति सरकार ने अब तीन-स्तरीय रणनीति (शॉर्ट-टर्म, मिड-टर्म और लॉन्ग-टर्म) तैयार की है ताकि पाकिस्तान की ओर जाने वाले जल प्रवाह को पूरी तरह रोका जा सके। जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि “एक भी बूंद पानी भारत की सीमा से बाहर नहीं जाने दी जाएगी, उसका पूरा उपयोग देश में ही होगा।” इसी के तहत, रुके हुए हाइड्रो प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा करने की तैयारी भी शुरू हो गई है। पाकिस्तान ने दी आंतरिक संकट की चेतावनी पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने अपने पत्र में चेताया है कि संधि का निलंबन उसके देश में जल संकट और गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। लेकिन भारत ने इसे खारिज करते हुए पाकिस्तान पर राज्य प्रायोजित आतंकवाद को लगातार बढ़ावा देने का आरोप लगाया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, “इंद्र जल संधि मित्रता और सद्भाव पर आधारित थी। लेकिन पाकिस्तान ने दशकों से आतंकवाद को समर्थन देकर इन मूल्यों को रौंदा है।” संधि के तहत पानी का बंटवारा 1960 की इस संधि के तहत इंडस, झेलम और चिनाब — पाकिस्तान को सतलज, ब्यास और रावी — भारत को आवंटित की गई थीं। कुल जल प्रवाह में से लगभग 30% पानी भारत और 70% पाकिस्तान को मिलता था। अब संधि के निलंबन के बाद भारत इस जल का उपयोग अपने प्रोजेक्ट्स और किसानों के हित में करने की योजना बना रहा है। शीर्षस्तरीय बैठकें जारी संधि निलंबन के बाद से गृह मंत्री अमित शाह, जल शक्ति मंत्री पाटिल, ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अफसरों की दो अहम बैठकें हो चुकी हैं। इस सप्ताह एक और उच्चस्तरीय बैठक होने की संभावना है, जिसमें आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा।

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ऑपरेशन सिंदूर के सफलता को लेकर भारतीय सेवा के सम्मान में तिरंगा यात्रा

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत के द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के द्वारा किए गए करना हरकत के जवाब को लेकर भूतपूर्व सैनिक और…

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जम्मू-कश्मीर के शोपियां में मुठभेड़, तीन आतंकवादी ढेर — एक और की तलाश जारी

जम्मू-कश्मीर के शोपियां ज़िले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया है। आशंका है कि इलाके में अब भी एक और आतंकी छिपा हो सकता है। यह मुठभेड़ पहले कुलगाम में शुरू हुई थी, जो बाद में शोपियां के जंगलों तक पहुंच गई। सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने खुफिया जानकारी के आधार पर आतंकियों को घेर लिया था, और करीब दो घंटे तक मुठभेड़ चली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ा सख्ती का स्तरइस कार्रवाई का समय बेहद अहम है, क्योंकि यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद हो रही है। बता दें, पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे। इसके साथ ही भारत ने साफ कर दिया था कि अब हर आतंकी हमला युद्ध की कार्यवाही मानी जाएगी और उसका करारा जवाब दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेशप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि: भारत पर किसी भी आतंकी हमले का जवाब अब हमारे तयशुदा तरीके से ही दिया जाएगा। भारत अब किसी भी परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा। आतंकियों के अड्डों पर सटीक और निर्णायक हमले होंगे। जो देश आतंकवाद को पनाह दे रहे हैं और जो इसके मास्टरमाइंड हैं, उनके बीच अब कोई फर्क नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की राज्य प्रायोजित आतंकवाद की सच्चाई को एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर किया, जब मारे गए आतंकियों को अंतिम विदाई देने पाकिस्तान के सेना अधिकारी पहुंचे। पाकिस्तान को भी मिला करारा जवाब7 मई को भारत ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए। जवाब में पाकिस्तान ने नागरिक इलाकों पर भारी गोलाबारी और ड्रोन हमले किए, जिनमें कुछ जानें भी गईं। भारत की वायुसेना और एयर डिफेंस सिस्टम ने ज्यादातर हमलों को नाकाम कर दिया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और एयरबेस को निशाना बनाकर भारी नुकसान पहुँचाया। 10 मई को संघर्षविराम की घोषणा हुई, लेकिन भारतीय सेना ने साफ कहा है कि पाकिस्तान की किसी भी हिमाकत का जवाब उसी सख्ती से दिया जाएगा।

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पहाड़ी मंदिर मे भी युवाओं ने भगवान भोलेनाथ की पूजा की, और भारतीय सेना की रक्षा के लिए प्रार्थना किया

भारतीय सेना अद्भुत शौर्य और पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए दुश्मन देश को करारा जवाब दे रही है। इधर, अपनी सेना की सलामती और उन्हें और अधिक शक्ति देने की…

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इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 के समझौते को निरस्त करने की मांग

भारत और पाकिस्तान के सीमा में तनाव की स्थिति बनी हुई है | लगातार पाकिस्तान के खिलाफ भारत जवाबी कार्रवाई कर रही है | पूर्व केंद्रीय मंत्री और एयरफोर्स में…

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चार दिन बाद युद्धविराम: कैसे भारत-पाकिस्तान पहुंचे समझौते तक — जानिए पूरी इनसाइड स्टोरी

लगातार चार दिन तक मिसाइल स्ट्राइक्स, ड्रोन हमले और एलओसी (LoC) पर तोपों की गरज के बाद, भारत और पाकिस्तान ने 10 मई की शाम से ज़मीन, हवा और समुद्र पर सभी सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला किया। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद जम्मू-कश्मीर और गुजरात में पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए और भारतीय सुरक्षा बलों ने उन्हें मार गिराया। भारत ने इसे सीज़फायर का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि सेना "उचित और सटीक जवाब" दे रही है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस वार्ता में कहा कि भारत इन उल्लंघनों को "बेहद गंभीरता से लेता है।" 📌 कैसे बढ़ा तनाव — पूरी टाइमलाइन सरकारी सूत्रों के मुताबिक, 10 मई की सुबह, भारतीय वायुसेना ने BrahMos-A (एयर-लॉन्च क्रूज़ मिसाइल) से पाकिस्तान के अहम एयरबेस पर हमला किया। पहला निशाना रावलपिंडी के चकलाला और पंजाब प्रांत के सरगोधा में बने एयरफोर्स बेस रहे। दोनों पाकिस्तान की सैन्य लॉजिस्टिक्स और रणनीतिक ताकत के अहम केंद्र माने जाते हैं। बाद में दिन में, खुफिया एजेंसियों ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में जैकबाबाद, भोलारी और स्कार्दू बेस पर भी हमलों की पुष्टि की। हमलों के तुरंत बाद, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी रक्षा नेटवर्क पर हाई अलर्ट मैसेज पकड़े। इसमें संकेत था कि भारत अगला हमला पाकिस्तान के न्यूक्लियर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम पर कर सकता है। इसी के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका से आपात दखल की अपील की। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका पहले से ही हालात पर नज़र रखे हुए था, लेकिन रणनीतिक ठिकानों पर अलर्ट के बाद उसने ज्यादा सख्ती से दखल दिया। अमेरिका ने पाकिस्तान को साफ़ संदेश दिया कि वो तुरंत भारतीय सेना से मिलिट्री हॉटलाइन पर संपर्क करे और तनाव को आगे न बढ़ाए। 📞 सीधे DGMO से बातचीत 10 मई दोपहर बाद, जब पाकिस्तान की आक्रामक गतिविधियां भारत ने पीछे धकेल दीं, तो पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्लाने भारतीय DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को सीधा फोन किया। ये कॉल भारतीय समयानुसार 15:35 बजे हुई, जिसकी पुष्टि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बाद में की। भारत ने साफ किया कि वो कोई औपचारिक कूटनीतिक या सैन्य बातचीत पाकिस्तान से नहीं करेगा और न ही किसी मध्यस्थता को स्वीकारेगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत अगले चरण की सैन्य कार्रवाई के लिए भी तैयार था, जिसमें ऊर्जा और आर्थिक ठिकानों पर हमले समेत पाकिस्तान के रणनीतिक कमांड स्ट्रक्चर को निशाना बनाने की योजना थी। 🚨 Pahalgam हमले के बाद लिए फैसले बरकरार भारत ने यह भी साफ किया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिए गए फैसले, जैसे कि इंडस वॉटर ट्रीटी (IWT) का अस्थायी निलंबन, सीज़फायर से प्रभावित नहीं होंगे। यानी यह रोक आगे भी जारी रहेगी। कुल मिलाकर, चार दिन की तनावपूर्ण जंग के बाद दोनों देशों ने एक अस्थायी विराम लिया है, लेकिन ज़मीन पर हालात अभी भी बेहद संवेदनशील हैं।

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डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय पर युवा छात्रों के द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार विरोध

राजधानी रांची स्थित डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर युवा छात्रों के द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया | इस विरोध प्रदर्शन में शामिल…

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भारत ने पाकिस्तान के उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया

भारत ने पाकिस्तान के उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि बीती रात हुए हमलों में भारतीय सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। शनिवार सुबह एक विशेष प्रेस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय, भारतीय सेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने साझा तौर पर मीडिया को हालात की जानकारी दी। अधिकारियों ने पाकिस्तान की कार्रवाई को "उकसावे वाली" बताया, लेकिन कहा कि भारतीय सेनाओं ने "शांत, संतुलित और प्रभावशाली" जवाब दिया है। पाकिस्तान की भ्रामक जानकारी पर हमलाविदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान का दावा "झूठ का पुलिंदा" है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय एयरबेस, एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य महत्वपूर्ण सैन्य ढांचे को बड़े नुकसान पहुंचाने की झूठी खबरें फैलाईं। मिस्री ने बताया कि कुछ ठिकानों पर मामूली नुकसान और कुछ सैन्यकर्मियों के घायल होने की पुष्टि हुई है, लेकिन अधिकतर स्थानों पर हालात सामान्य कर लिए गए हैं। पाकिस्तानी हमले और भारतीय जवाबी कार्रवाईसेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने जानकारी दी कि पाकिस्तान ने बीती रात 1:40 बजे पंजाब के एयरबेस समेत देशभर के 26 स्थानों को ड्रोन, मिसाइल, लोइटर म्यूनिशन और एयरस्ट्राइक से निशाना बनाया। इनमें उधमपुर, पठानकोट, बठिंडा, भुज और आदमपुर एयरबेस शामिल थे। भारत ने अधिकतर खतरों को इंटरसेप्ट कर लिया और कई ड्रोन व मिसाइल हमले विफल कर दिए। उन्होंने visuals दिखाते हुए कहा कि सिरसा और सूरतगढ़ जैसे एयरबेस पूरी तरह से ऑपरेशनल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने बरामुला, श्रीनगर, अवंतीपोरा, जम्मू, पठानकोट, भुज और जैसलमेर में हथियारबंद ड्रोन के जरिए भारतीय एयरस्पेस में घुसपैठ की कोशिश की थी, जिन्हें भारतीय वायुसेना ने रडार-गाइडेड इंटरसेप्ट और अन्य तकनीकों से जवाब दिया। पाकिस्तान ने स्वास्थ्य केंद्र और स्कूल तक निशाना बनाए, जो अंतरराष्ट्रीय नियमों का घोर उल्लंघन है। भ्रामक प्रचार का जवाबविंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान की उस दुष्प्रचार मुहिम को सिरे से नकारा, जिसमें भारतीय S-400 मिसाइल सिस्टम को नष्ट करने और एयरफील्ड्स को तबाह करने के दावे किए गए। उन्होंने कहा,"पाकिस्तान की इन झूठी खबरों को हम पूरी तरह खारिज करते हैं। हमारे एयरबेस और डिफेंस सिस्टम पूरी तरह ऑपरेशनल हैं।" पाकिस्तान में धमाकेशनिवार तड़के पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर भी जबरदस्त धमाके हुए। खासकर इस्लामाबाद के पास एक अहम सैन्य बेस में विस्फोट के बाद पाकिस्तान सरकार ने अपने हवाई क्षेत्र को सिविल और कमर्शियल उड़ानों के लिए बंद कर दिया। ऑपरेशन 'सिंदूर' में भारत का पलटवारभारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत शनिवार सुबह पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर सटीक एयरस्ट्राइक की। इसमें पाकिस्तान के रफीकी, मुरिद, चकलाला और रहीम यार खान के सैन्य बेस, साथ ही सियालकोट और पस्रूर के रडार स्टेशन शामिल थे। कर्नल कुरैशी ने कहा कि इन हमलों में केवल सैन्य टारगेट को ही निशाना बनाया गया, ताकि आम नागरिकों को नुकसान न हो। भारत ने साफ किया कि पाकिस्तान की झूठी खबरों से न तो हकीकत बदली है, न ही भारत की सैन्य ताकत। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और देश सुरक्षित है।

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पहलगाम आतंकी हमले और उत्पन्न देश की परिस्थितियों को देखते JMM ने आदिवासी और सरना धर्म कोड की मांग

पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद उत्पन्न देश की परिस्थितियों को देखते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आदिवासी और सरना धर्म कोड की मांग को लेकर तय किए गए |…

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