मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय समन्वय समिति की हुई पहली बैठक

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झारखंड मंत्रालय सभागार में कोरोना संकट को लेकर गठित राज्यस्तरीय समन्वय समिति की पहली बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर चिन्हित किए गए कंटेनमेंट जोन को पूरी तरह सील किया जाए। खासकर रांची जिले की सीमा रेखा पर इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाए।

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झारखंड मंत्रालय सभागार में कोरोना संकट को लेकर गठित राज्यस्तरीय समन्वय समिति की पहली बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर चिन्हित किए गए कंटेनमेंट जोन को पूरी तरह सील किया जाए। खासकर रांची जिले की सीमा रेखा पर इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाए। कंटेनमेंट जोन में आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगाई जाए, ताकि इसके संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां पर कोरोना संक्रमण नहीं है, वहां भी इसे नहीं फैलने देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नीतिन मदन कुलकर्णी ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य में सताइस कंटेनमेंट जोन चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड के दस जिले कोरोना संक्रमण से प्रभावित हैं। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि तीन श्रेणियों में कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य से जुड़ी व्यवस्थाएं की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों के उपायुक्त औऱ पुलिस अधीक्षक अपने वाहन में अनाज का पैकेट जरुर रखें। जब भी वे क्षेत्र का भ्रमण करें तो रास्ते में जो भी गरीब या जरुरतमंद दिखें, उन्हें अनाज का पैकेट दें। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वे राशन की कालाबाजारी और गड़बड़ियों को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जरुरतमंदों को कम से कम 15 दिन का अनाज उपलब्ध कराने के लिए भोजन का पैकेट तैयार कर उसका वितरण सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी को लेकर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों औऱ स्वास्थ्यकर्मियों को दो-दो मास्क उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक से कहा कि पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को लेकर सभी जरुरी उपाय किए जाएं, ताकि उनमें संक्रमण का खतरा नहीं हो। मुख्यमंत्री ने अभी के हालात में सामाजिक सदभाव बनाए रखने के लिए भी पुलिस महानिदेशक को आवश्यक निर्देश दिए। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि कोरेंटाइन सेंटर, आइसोलेशन वार्ड, कोविड अस्पतालों में ड्यूटी करने वालों को हर हाल में मेडिकेटेड मास्क दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कोरोना महामारी के कारण अन्य बीमारियों से जुझ रहे लोगों को इलाज में परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि जरूरत के हिसाब से चरणबद्ध तरीके से अस्पतालों में ओपीडी सेवा शुरु की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने इसके लिए मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव औऱ रिम्स निदेशक को आवश्यक पहल करने को कहा।

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