बाबुलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

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भाजपा विधायक दल के नेता बाबुलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के बीच कल तेलंगाना में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों के लिए विशेष रेल का परिचालन कर उन्हें झारखंड लाया गया है।

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भाजपा विधायक दल के नेता बाबुलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के बीच कल तेलंगाना में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों के लिए विशेष रेल का परिचालन कर उन्हें झारखंड लाया गया है। भारत सरकार ने इस वैश्विक आपदा में देश भर में पहली रेल झारखंड के लोगों की सहूलियत के लिए खोली, यह पूरे झारखंडवासियों के लिए गौरव का विषय है। साथ ही केन्द्र सरकार की झारखंड के नागरिकों के प्रति प्रगाढ़ स्नेह का भी यह परिचायक है। उन्होंने पत्र के जरिये कहा कि रेल माध्यम से ही तेलंगाना के अलावा कोटा से भी छात्रों व अन्य लोगों के झारखंड आने का सिलसिला जारी है। अब धीरे-धीरे सभी स्थानों से प्रवासी मजदूरों व छात्रों के अपने राज्य लौटने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

उन्होंने बताया कि हैदराबाद में गिरिडीह जिले के भी हजारों लोग फंसे हुए हैं। इनमें से ही के कुछ लोगों ने मुझे व्हाट्सएप पर अपनी पीड़ा से अवगत कराते हुए कुछ जानकारियां साझा की है। हैदराबाद में तकरीबन 15000 से अधिक लोग फंसे हुए हैं। इसमें अधिकांशः लोग गिरिडीह, जमुआ, धनवार के बताए जा रहे हैं। इनका कहना है कि झारखंड सरकार सभी प्रवासियों को जो राशन उपलब्ध कराने का दंभ भर रही है इसमें महज लगभग 10 प्रतिशत लोगों को ही राशन मिल पाया है। वहीं मुख्यमंत्री विशेष सहायता एप्प के तहत खाता में मिलने वाली 1000 रूपये की राशि भी लगभग 2-3 फीसदी से अधिक लोगों को नहीं मिली है। इनकी स्पष्ट शिकायत है कि सरकार ने नोडल पदाधिकारी तो राज्यवार नियुक्त कर दिएं पंरतु किसी नोडल अधिकारी का नंबर लगता तक नहीं है। कभी लग भी गया तो कोई फोन उठाता नहीं है। इन लोगों का सरकार से आग्रह है कि अगर सरकार के पास इनको लाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है तो ये लोग अपने खर्च से भी आ सकते हैं। सरकार से इनका निवेदन बस इतना है कि इन्हें यहां आने की आधिकारिक इजाजत दिलवा दी जाए। इन लोगों में से सैकड़ों लोग सपरिवार फंसे हुए हैं। इन्हें खासकर और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी कभी-कभार गलती से झारखंड में किसी अधिकारी से बात हो जा रही है तो इन्हें कुुछ दिन ओर रूकने की बात कहकर टाल दी जा रही है। दूसरे लोगों को अपने शहर लौटता देख इनके लिए इस भारी संकट के समय एक-एक पल गुजारना भारी पड़ना लाजिमी है। साथ ही कुछ अन्य जानकारियां भी उपलब्ध कराई है जिसे आप स्वयं देख और समझ सकते हैं।

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