झारखण्ड भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमन्त सोरेन को पत्र के माध्यम से कहा कि राज्य में कानून की स्थिति ख़राब हो गई है। उग्रवादी फिर से अपना फन उठाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में नई सरकार के गठन से लेकर आज तक लगभग 41 छोटी-बड़ी उग्रवादी घटनाएं घटित हो चुकी हैं। एक दिन पूर्व ही लोहरदगा में उग्रवादियों ने आतंक मचाते हुए 15 वाहनों को फूंकने के साथ वहां कार्यरत कर्मियों के साथ मारपीट की है।
राज्य में उग्रवादी गतिविधियों का लगातार बढ़ना घोर चिंता का विषय है। वहीं कोरोना संकट काल में लगभग 6 से अधिक बार सीधे तौर पुलिस के साथ या उसकी मौजूदगी में घटित अन्य घटनाओं में भद्द पिटी है। बावजूद पुलिस तमाशबीन बनी रही। इससे पुलिस की कार्य क्षमता के साथ-साथ राज्य सरकार की साख पर बट्टा लग रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना ड्यूटी के दौरान राज्य की पुलिस की बेबसी व लाचारी इस प्रकार रही कि कहीं वह बंधक बनी रही तो कहीं वह पिटाती रही। यही नहीं राज्य की पुलिस ने अपनी तो जो किरकिरी करानी थी वह तो कराई ही, केन्द्रीय जवानों की भी भद्द पिटवाने से वह बाज नहीं आई। साथ ही कोरोना योद्धाओं पर थूका गया, उन्हें पीटा गया, रजिस्टर फाड़े गए परंतु पुलिस की तत्परता को मानो जंग लग गया हो। इन सब मामलों में उन्होंने पूरी तरह हथियार ही डाल दिए।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि किसी भी प्रदेश की कानून-व्यवस्था दुरूस्त रहना महत्वपूर्ण और बड़ा मसला है। इसे बनाए रखने में आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था का अहम योगदान होता है। गृह सचिव और डीजीपी जैसे महत्वपूर्ण पद कुछेक दिनों के लिए प्रभार में रखे जा सकते हैं न कि महीनों-महीने। वह भी तब जब कोरोना संकटकाल में विधि व्यवस्था की समस्या परवान चढ़ी हो। साथ ही उग्रवादी भी फिर से एक के बाद एक घटनाओं को अंजाम देकर अपनी पकड़ मजबूत बना रहे हैं। उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि आप मेरे सुझाव को अन्यथा नहीं लेंगे और इस पर तत्काल संज्ञान लेंगे। आपका यह कदम सरकार और राज्य की जनता, दोनों के हित में होगा।