बिहार के पूर्वी चंपारण में बन रहे विराट रामायण मंदिर में श्रद्धालु वर्ष 2027 की रामनवमी से पूजा-अर्चना कर सकेंगे। महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल के अनुसार, 22 मंदिरों वाले इस भव्य मंदिर का निर्माण वर्ष 2026 के अंत तक पूरा हो जाएगा। इस मंदिर में दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग स्थापित किया जाएगा, जिसकी ऊंचाई 33 फीट और परिधि 33 फीट होगी। श्रद्धालु तीसरी मंजिल से सीढ़ियां चढ़कर इस शिवलिंग का जलाभिषेक कर सकेंगे, और लिफ्ट और एस्केलेटर की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि बिहार के कैथवलिया में महावीर मंदिर न्यास द्वारा बनाए जा रहे इस 270 फीट ऊंचे विराट रामायण मंदिर को पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है। राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसआईए) ने राज्य विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति की अनुशंसा के बाद इसे हरी झंडी दी है।
मंदिर की संरचना और पिलर्स
पहले मंदिर की ऊंचाई 225 फीट निर्धारित की गई थी, जो कंबोडिया के अंगकोरवाट मंदिर से थोड़ा ऊंचा था। लेकिन कंबोडिया सरकार की आपत्ति के बाद मंदिर के डिजाइन में बदलाव कर इसकी ऊंचाई बढ़ाकर 270 फीट कर दी गई है। मंदिर की चौड़ाई 540 फीट और लंबाई 1080 फीट होगी।
मंदिर में कुल 2101 स्तंभ होंगे, जिनमें से 3246 भूमिगत स्तंभों का निर्माण पूरा हो चुका है। मंदिर के भूतल पर 853, प्रथम तल पर 572, द्वितीय तल पर 540 और शिखर के लिए 136 स्तंभ बनाए जाएंगे। मंदिर का कुल निर्मित क्षेत्र 3,82,729 वर्गफुट होगा, जिसमें 64,710 वर्गफुट सर्विस एरिया शामिल है।
शिखरों और शिवगंगा का निर्माण
विराट रामायण मंदिर में कुल 12 शिखर होंगे, जिनमें सबसे बड़ा शिखर 270 फीट का होगा। इसके अलावा, दूसरा सबसे बड़ा शिखर 198 फीट का, चार शिखर 180 फीट के, और पांच शिखर 108 फीट के होंगे।
मंदिर परिसर में शिवगंगा का निर्माण भी किया जाएगा, जिसका क्षेत्रफल 1,36,705 वर्गफुट होगा। यह सरोवर अर्द्धवृत्ताकार आकार का होगा। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मंदिर के मुख्य ढांचे का निर्माण दो वर्षों में पूरा होने का अनुमान है।