बेंगलुरु के 30 वर्षीय अभिषेक एमआर ने PVR सिनेमाज, INOX और BookMyShow के खिलाफ मुकदमा दायर कर ₹65,000 का मुआवजाजीता। उन्होंने आरोप लगाया कि सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले 25 मिनट तक विज्ञापन दिखाकर उनका कीमती समय बर्बाद किया गया, जिससे उन्हें मानसिक कष्ट भी झेलना पड़ा।
क्या था मामला?
अभिषेक ने वर्ष 2023 में ‘सैम बहादुर’ फिल्म के लिए शाम 4:05 बजे के शो की तीन टिकटें बुक की थीं। उन्होंने सोचा था कि फिल्म शाम 6:30 बजे तक समाप्त हो जाएगी, जिससे वह अपने अन्य कामों पर लौट सकेंगे। लेकिन, जब उन्होंने देखा कि फिल्म 4:30 बजे शुरू हुई, क्योंकि उससे पहले लंबे विज्ञापन और ट्रेलर दिखाए गए, तो उन्होंने इसे अन्यायपूर्ण व्यापार प्रथा करार दिया।
“शिकायतकर्ता अपने निर्धारित कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो पाए, जिससे उन्हें नुकसान हुआ। इस नुकसान को पैसे से नहीं तौला जा सकता,”उनकी शिकायत में लिखा गया।
उन्होंने यह भी कहा कि सिनेमाघरों ने गलत शो टाइमिंग बताकर लोगों के समय का दुरुपयोग किया और अनावश्यक विज्ञापन दिखाकर अनुचित लाभ कमाने की कोशिश की।
कोर्ट का फैसला: “समय ही पैसा है”
उपभोक्ता अदालत ने अभिषेक की शिकायत को सही मानते हुए कहा कि “किसी को भी दूसरों के समय और पैसे पर अनुचित लाभ कमाने का अधिकार नहीं है।”
कोर्ट ने PVR और INOX को ₹50,000 का हर्जाना अनुचित व्यापार प्रथा के लिए देने का निर्देश दिया, ₹5,000 मानसिक कष्ट के लिए और ₹10,000 शिकायत दायर करने और अन्य कानूनी खर्चों के लिए देने को कहा।
साथ ही, अदालत ने PVR और INOX पर ₹1 लाख का अतिरिक्त जुर्माना लगाते हुए इसे उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करने का आदेश दिया।
BookMyShow को क्यों नहीं ठहराया गया जिम्मेदार?
कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया कि BookMyShow केवल एक टिकट-बुकिंग प्लेटफॉर्म है और उसे विज्ञापन के प्रसारण पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसलिए, उसे किसी तरह का मुआवजा देने से मुक्त कर दिया गया।
PVR-INOX की दलील और कोर्ट की प्रतिक्रिया
PVR और INOX ने अपने बचाव में तर्क दिया कि वे कानून के तहत कुछ सार्वजनिक सेवा घोषणाएँ (PSA) दिखाने के लिए बाध्य हैं, ताकि जागरूकता फैलाई जा सके।
लेकिन, अदालत ने कहा कि PSA को अधिकतम 10 मिनट के भीतर दिखाना चाहिए – फिल्म शुरू होने से पहले और इंटरवल के दौरान, न कि दर्शकों का अतिरिक्त समय बर्बाद करके।
कोर्ट ने PVR और INOX को निर्देश दिया कि वे ₹1 लाख की राशि 30 दिनों के भीतर उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करें।
क्या यह फैसला सिनेमाघरों के विज्ञापन समय को बदलेगा?
इस फैसले के बाद, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सिनेमाघर दर्शकों के समय का सम्मान करते हुए विज्ञापन दिखाने की समय सीमा में बदलाव करते हैं या नहीं।