आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दुष्कर्म-मृत्यु मामले में मृत डॉक्टर के पिता और मां ने कई राज खोले हैं. डॉक्टर के पिता ने कहा, जांच चल रही है, उसका कोई नतीजा नहीं निकला है. हमें उम्मीद है कि हमें नतीजे मिलेंगे. विभाग या कॉलेज से किसी ने भी हमारा सहयोग नहीं किया. पूरा विभाग इसमें शामिल है. श्मशान घाट पर तीन शव थे, लेकिन हमारी बेटी का शव पहले जला दिया गया. मुख्यमंत्री न्याय दिलाने की बात कर रही हैं, लेकिन फिर न्याय मांगने वाले आम लोगों को जेल में डालने की कोशिश की जा रही है. हम सीएम से संतुष्ट नहीं हैं. हमने कोई भी मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है.
अस्पताल से फोन पर मां को बताया गया डॉक्टर बेटी ने कर ली आत्महत्या, शव को नहीं देखने दिया गया
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दुष्कर्म-हत्या मामले में मृत डॉक्टर की मां ने कहा, पहले हमें अस्पताल से फोन आया कि आपकी बेटी बीमार है, फिर फोन कट गया. उसके बाद जब मैंने फोन करके पूछा कि क्या हुआ, तो उन्होंने मुझे अस्पताल आने को कहा. जब हमने दोबारा फोन किया, तो (फोन करने वाले) ने खुद को असिस्टेंट सुपरिस्ट बताया और कहा कि आपकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है. वह गुरुवार को ड्यूटी पर गई थी, हमें शुक्रवार को सुबह 10:53 बजे यह फोन आया. जब हम वहां पहुंचे, तो हमें उसे देखने नहीं दिया गया, हमें उसे 3 बजे देखने दिया गया। उसकी पैंट खुली हुई थी, उसके शरीर पर केवल एक कपड़ा था. उसका हाथ टूटा हुआ था, उसकी आंखों, मुंह से खून निकल रहा था. उसे देखकर ही लग रहा था कि किसी ने उसकी हत्या कर दी है. मैंने उनसे कहा कि यह आत्महत्या नहीं, हत्या है. हमने अपनी बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए बहुत मेहनत की, लेकिन उसकी हत्या कर दी गई.