झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने स्टार्टअप इंडिया के प्रति राज्य सरकार पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के मौके पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमेटी के अध्यक्ष अमित अग्रवाल नेता की वर्ष 2016 में झारखंड में स्टार्टअप पॉलिसी बनाई गई थी जो 5 वर्षों बाद खुद-ब-खुद लिप्स कर गई। सरकार ने एक बार फिर से वर्ष 2023 में स्टार्टअप पॉलिसी बनाई गई, लेकिन आज तक इस पॉलिसी का क्रियान्वयन नहीं किया गया है। स्टार्टअप एसओपी नहीं बनने से स्टार्टअप के क्षेत्र में आने वाले युवाओं और झारखंड के उद्योग जगत को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप पॉलिसी लागू नहीं होने से झारखंड के उद्यमी उड़ीसा पश्चिम बंगाल की ओर रुख कर रहे हैं। दूसरे राज्य में झारखंड के स्टार्टअप को बढ़ावा मिल रहा है और राज्य को भी फायदा मिल रहा है। मौके पर सबका मीटिंग है मुकेश अग्रवाल ने कहा एक बहुत अच्छा की स्टार्टअप पॉलिसी लागू नहीं होने से उद्यमियों का पलायन हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी नीतियों के अभाव में आज तक लैंड बैंक काम नहीं कर रहा है। मुकेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता में स्टार्टअप से नहीं दिखाई देता है यही वजह है कि दूसरे राज्यों से झारखंड में निवेशक नहीं आ रहे हैं।
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने स्टार्टअप इंडिया पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया
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