नई दिल्ली। CBI ने इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) के सात अधिकारियों के खिलाफ 1.8 करोड़ रुपये के घोटाले में दो अलग-अलग FIRदर्ज की हैं। इन पर टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी, सरकारी धन के दुरुपयोग और स्टोर्स में हेराफेरी के आरोप लगे हैं। यह अनियमितताएं 2017-18 से 2020-21 के बीच सामने आई हैं।
टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी का मामला
पहले मामले में, ITBP की शिकायत पर CBI ने तत्कालीन कमांडेंट अनुप्रीत बोरकर, डिप्टी कमांडेंट दीपक गोगोई, पूरन राम, मुकेश चंद मीना, इंस्पेक्टर अनिल कुमार पांडे और ठेकेदार मदन सिंह राणा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि 2019-21 के दौरान, इन्होंने सीमा चौकियों (BOPs) तक सरकारी सामान पहुंचाने की टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी की।
सरकारी धन के गबन के आरोप
CBI की जांच में सामने आया कि इन अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी कर टेंडर आवंटन में धांधली की, जिससे सरकारी खजाने को 1.8 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
आगे की जांच जारी
CBI ने इस मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और जल्द ही अन्य संभावित दोषियों से पूछताछ की जा सकती है।