मणिपुर में जातीय हिंसा से प्रभावित परिवारों की दुर्दशा से व्यथित होकर भारतीय सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल एल. मनोंगबा ने एक मिशन की शुरुआत की। उनका उद्देश्य विधवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और हिंसा से प्रभावित बच्चों की शिक्षा का समर्थन करना है।
उनके असाधारण प्रयासों को मान्यता देते हुए, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उन्हें “वेटरन एचीवर अवार्ड” से सम्मानित किया। यह सम्मान पिछले महीने पुणे में आयोजित आर्मी डे परेड के दौरान दिया गया।
सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल मनोंगबा सिर्फ सैन्य सेवा तक ही सीमित नहीं रहे बल्कि उन्होंने सामाजिक दायित्व निभाने का भी संकल्प लिया। उनका यह प्रयास मणिपुर में हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरा है। उनकी इस पहल से विधवाओं को आजीविका के साधन उपलब्ध होंगे और बच्चों की शिक्षा जारी रह सकेगी।
उनका यह मानवीय कार्य सिर्फ सहायता नहीं, बल्कि पुनर्वास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है।