दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार को रामलीला मैदान में होगा। यह भव्य आयोजन बीजेपी नेताओं, मंत्रियों और सभी सहयोगी दलों की मौजूदगी में संपन्न होगा। सूत्रों के मुताबिक, 26 साल बाद दिल्ली में बीजेपी की वापसी को यादगार बनाने की पूरी तैयारी की जा रही है।
समारोह की मुख्य बातें:
- समारोह की शुरुआत शाम 4:30 बजे होगी।
- शपथ ग्रहण से पहले रामलीला मैदान के मंच पर एक रंगारंग संगीतमय कार्यक्रम होगा, जिसमें कैलाश खेर भी प्रस्तुति देंगे।
- 20 राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समारोह में शिरकत करेंगे।
- अंतरराष्ट्रीय राजनयिकों को भी आमंत्रित किया गया है।
- अन्य राज्यों से चुनाव प्रचार में शामिल बीजेपी नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद रहेंगे।
- 50 से अधिक फिल्मी सितारे और उद्योगपति इस भव्य आयोजन का हिस्सा होंगे।
- दिल्ली के किसान, केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थी, लाड़ली बहनें और आम नागरिक भी समारोह में शामिल होंगे।
- धार्मिक क्षेत्र से बाबा रामदेव, स्वामी चिदानंद, बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री सहित कई आध्यात्मिक नेता भी उपस्थित रहेंगे।
मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बरकरार
हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हुआ है कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा। पहले यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस और अमेरिका यात्रा के कारण टल गया था, लेकिन अब उनके लौटने के दो दिन बाद भी कोई घोषणा नहीं हुई, जिससे अटकलें तेज हो गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, परवेश वर्मा (पूर्व मुख्यमंत्री साहेब सिंह वर्मा के पुत्र) इस दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। लेकिन कैबिनेट और विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए भी 15 से अधिक नामों पर चर्चा हो रही है।
दिल्ली में 8 मंत्री और एक मुख्यमंत्री चुने जाएंगे। इसके लिए बीजेपी के 48 निर्वाचित विधायक बुधवार को बैठक करेंगे और अपना नेता चुनेंगे, जो आप की अतिशी की जगह लेंगे।
दिल्ली चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत
इस महीने हुए चुनाव में बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतकर जबरदस्त वापसी की, जबकि आप सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई, जो 2015 में 62 सीटों पर काबिज थी।
आप की 10 साल की सत्ता के अंत के पीछे भ्रष्टाचार के बड़े आरोप अहम रहे।
- पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई नेता भ्रष्टाचार के आरोपों में महीनों जेल में रहे।
- शराब नीति घोटाले और “शीश महल” विवाद (केजरीवाल के सरकारी आवास के ₹33.6 करोड़ के भव्य नवीनीकरण) ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया।
- इस दौरान बीजेपी ने गवर्नेंस और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़ा और प्रचंड जीत दर्ज की।
अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि दिल्ली की सत्ता की कमान किसे सौंपी जाएगी।