महाकुंभ में संगम स्नान का महत्व सदियों से चला आ रहा है, लेकिन इस बार एक शख्स डिजिटल डुबकी का अनोखा आइडिया लेकर आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जब लोग घंटों लाइन में लगकर संगम में स्नान करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तब यह शख्स ऑनलाइन स्नान करवाने का दावा कर रहा है!
क्या है ‘डिजिटल डुबकी’ का कांसेप्ट?
महाकुंभ में कई श्रद्धालु अलग-अलग वजहों से संगम तक नहीं पहुंच पाते—कोई भीड़ से परेशान है, कोई यात्रा नहीं कर सकता, तो किसी के पास समय की कमी है। ऐसे में यह शख्स वर्चुअल स्नान सेवा लेकर आया है, जहां लोग घर बैठे ही ऑनलाइन संगम स्नान का अनुभव ले सकते हैं।
👉 कैसे काम करता है डिजिटल स्नान?
- श्रद्धालु को ऑनलाइन वीडियो कॉल के जरिए लाइव संगम दर्शन करवाया जाता है।
- पंडित जी मंत्रोच्चारण के साथ स्नान का संकल्प करवाते हैं।
- कुछ लोग इसे 3D और VR (वर्चुअल रियलिटी) तकनीक से जोड़कर भी अनुभव कर सकते हैं।
- स्नान की एक डिजिटल प्रमाण पत्र (e-Certificate) भी दी जाती है।
लोगों की मजेदार प्रतिक्रियाएं
🔹 “अब तो पाप भी ऑनलाइन धुलेंगे क्या?” 😆
🔹 “क्या डिजिटल मोक्ष भी मिलेगा?” 🤔
🔹 “बचपन में मां पानी छिड़ककर कहती थी नहा लिया, अब वही कुंभ में हो रहा है!” 😄
कुछ लोग इस पहल को उन श्रद्धालुओं के लिए सकारात्मक विकल्प मान रहे हैं, जो संगम नहीं जा सकते। वहीं, कुछ इसे आस्था के साथ मजाक करार दे रहे हैं।
क्या कहता है प्रशासन?
महाकुंभ प्रशासन ने इस तरह की डिजिटल सेवाओं पर कोई आधिकारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन यह जरूर कहा कि अगर यह श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस नहीं पहुंचा रहा और सही तरीके से किया जा रहा है, तो इसमें कोई नुकसान नहीं।
तकनीक और आस्था का संगम
डिजिटल युग में जब हर चीज़ ऑनलाइन हो रही है, तो संगम स्नान का वर्चुअल अनुभव भी नया नहीं लगता। यह पहल टेक्नोलॉजी और धार्मिक आस्था के अनोखे मेल को दर्शाती है। लेकिन बड़ा सवाल यह है—क्या डिजिटल डुबकी से वही आध्यात्मिक संतोष मिलेगा, जो संगम की असली लहरों में नहाने से मिलता है? 🤔