IIT नहीं, IIIT भी नहीं: सैम पित्रोदा के दावे पर केंद्र का करारा जवाब

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कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। केंद्र सरकार ने उनके उस दावे की फैक्ट-चेकिंग की, जिसमें उन्होंने कहा था कि रांची के ‘भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान’ (IIT) में उनके व्याख्यान के दौरान बाधा डाली गई।

बुधवार को शिक्षा मंत्रालय ने इस दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि रांची में कोई IIT नहीं है। हालांकि, वहाँ भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) जरूर है।

मंत्रालय ने कहा कि IIIT रांची के पास भी सैम पित्रोदा को किसी व्याख्यान के लिए आमंत्रित करने का कोई रिकॉर्ड नहीं है—न ही व्यक्तिगत रूप से, न ही वीडियो लिंक के माध्यम से।

सरकार ने पित्रोदा के इस दावे को “बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदाराना” करार दिया और कहा कि यह एक प्रतिष्ठित संस्थान की छवि खराब करने की कोशिश है।

बयान में कहा गया, “यह संस्थान समय की कसौटी पर खरा उतरा है और देश के कुछ सबसे प्रतिभाशाली दिमाग तैयार किए हैं…”

सरकार ने पित्रोदा को “अज्ञानी व्यक्ति” करार देते हुए कहा कि “IITs की प्रतिष्ठा छात्रों, शिक्षकों और शिक्षाविदों की कड़ी मेहनत और उपलब्धियों से बनी है।”

कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

मंत्रालय ने आगे कहा कि वह सैम पित्रोदा के इस बयान की कड़ी निंदा करता है और चेतावनी दी कि “ऐसे किसी भी प्रयास को, जो इस प्रमुख संस्थान की छवि खराब करने के लिए किया जाए, कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।”

पॉडकास्ट में दिया विवादित बयान

यह विवाद तब शुरू हुआ जब सैम पित्रोदा ने 22 फरवरी को अपने X अकाउंट पर एक पॉडकास्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि रांची IIT में उनके व्याख्यान के दौरान अश्लील सामग्री दिखाकर बाधा डाली गई।

उन्होंने कहा, “हाल ही में मैं रांची IIT में सैकड़ों छात्रों से बात कर रहा था, तभी किसी ने सिस्टम को हैक कर लिया और पोर्नोग्राफी दिखानी शुरू कर दी।”

“हमें वीडियो स्ट्रीम बंद करनी पड़ी। क्या यही लोकतंत्र है? क्या यह उचित है? मुझे नहीं लगता… संस्थानों की स्वतंत्रता लोकतंत्र की नींव है।”

चीन पर बयान से भी विवाद

सैम पित्रोदा पहले भी विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। हाल ही में उन्होंने चीन पर कहा था कि भारत को अपनी “टकराव की मानसिकता” बदलनी चाहिए और बीजिंग को दुश्मन मानना बंद करना चाहिए।

उनके इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने इसे “भारत की संप्रभुता पर गहरा आघात” बताते हुए कांग्रेस और चीन के बीच ‘समझौते’ का आरोप लगाया।

बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने राहुल गांधी और सैम पित्रोदा के संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि “कांग्रेस, भारत के बजाय चीन के हितों को प्राथमिकता देती है।”

कांग्रेस ने खुद को किया अलग

भाजपा के तीखे हमले के बाद, कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से दूरी बना ली।

पार्टी के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने X पर लिखा, “चीन पर सैम पित्रोदा के विचार कांग्रेस के विचार नहीं हैं। चीन हमारी सबसे बड़ी विदेशी नीति, बाहरी सुरक्षा और आर्थिक चुनौती है।”

पहले भी रह चुके हैं विवादों में

यह पहला मौका नहीं है जब सैम पित्रोदा विवादों में आए हैं। इससे पहले उन्होंने विविधता (डाइवर्सिटी) पर एक बयान दिया था, जिसे नस्लभेदी (रेसिस्ट) माना गया था। इसके कारण उन्हें कांग्रेस की ओवरसीज यूनिट के प्रमुख पद से हटा दिया गया था।

बाद में उन्होंने अपने बयान की सफाई दी और भाजपा पर उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया। इसके बाद उन्हें दोबारा पद पर बहाल कर दिया गया।

हालांकि, जयराम रमेश ने कहा था कि पित्रोदा ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में वह कोई विवादित बयान नहीं देंगे। लेकिन पित्रोदा ने खुद इस दावे को खारिज कर दिया।

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