पाहलगाम आतंकी हमले में लश्कर सरगना हाफिज सईद की भूमिका उजागर

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरान घाटी में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई, ने एक लंबे समय से सक्रिय आतंकी मॉड्यूल को फिर से बेनकाब कर दिया है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। इस घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कूटनीतिक और सुरक्षात्मक रुख अपनाया है, क्योंकि इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और उसके हैंडलर्स का हाथ बताया जा रहा है।


📌 हमला किसने किया

इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा के एक खतरनाक मॉड्यूल ने अंजाम दिया, जिसमें ज्यादातर विदेशी आतंकी शामिल थे। इनके साथ घाटी के लोकल आतंकियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स ने भी मदद की। इस पूरे मॉड्यूल को 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड और लश्कर सरगना हाफिज सईद और उसके डिप्टी सैफुल्लाह के इशारे पर ऑपरेट किया जा रहा था।


📜 मॉड्यूल का आपराधिक इतिहास

सूत्रों के मुताबिक, ये आतंकी मॉड्यूल लंबे वक्त से घाटी में सक्रिय है। इससे जुड़े आतंकियों ने पहले भी सोनमर्ग, बूटा पात्रि और गांदरबल में कई हमले किए हैं।
अक्टूबर 2024 में बूटा पात्रि में एक हमले में दो भारतीय जवान और दो नागरिक मारे गए थे। उसी महीने सोनमर्ग में टनल कंस्ट्रक्शन वर्कर्स और एक डॉक्टर पर हमला कर छह मजदूरों की हत्या कर दी गई थी।
हाशिम मूसा, जो इस बार पाहलगाम हमले का मुख्य आरोपी है, उसी हमले में भी संदिग्ध था। दिसंबर 2024 में दाचीगाम एनकाउंटर में इस मॉड्यूल का एक बड़ा आतंकी जुनैद अहमद भट्ट मारा गया, लेकिन बाकी आतंकी जंगलों में छिप गए थे।


📞 पाकिस्तान से सीधा संपर्क

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, इस मॉड्यूल का संचालन सीधे हाफिज सईद और उसके डिप्टी सैफुल्लाह द्वारा पाकिस्तान से किया जाता है। इन्हें पाकिस्तानी सेना और ISI से न सिर्फ वैचारिक, बल्कि लॉजिस्टिक और टैक्टिकल सपोर्ट भी मिलता है।
इस ग्रुप में विदेशी आतंकियों के साथ-साथ कई लोकल आतंकी और ओवरग्राउंड वर्कर्स भी शामिल हैं, जो इन्हें सुरक्षित ठिकाने और संसाधन मुहैया कराते हैं।


🔥 पाहलगाम हमला कैसे हुआ

आतंकियों ने बैसरान घाटी में तीन अलग-अलग जगहों पर हमला किया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एक जगह पर पांच लोगों की, दूसरी जगह दो की हत्या की गई और बाकी लोग एक फेंसिंग के पास मार दिए गए। कुछ लोग फेंसिंग कूदकर भागने में सफल रहे। चश्मदीदों के मुताबिक, हमलावरों ने गोली चलाने से पहले पीड़ितों से बातचीत भी की।

गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए। इनमें दो पाकिस्तानी नागरिक — हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा तथा एक अनंतनाग निवासी अब्दुल हुसैन ठोकर शामिल हैं। इनकी जानकारी देने वाले को ₹20 लाख का इनाम देने की घोषणा भी की गई है।


🌍 कूटनीतिक परिणाम

हमले के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक हुई। इसमें कई कड़े फैसले लिए गए:

  • भारत और पाकिस्तान दोनों अपने-अपने मिशन स्टाफ को 55 से घटाकर 30 तक करेंगे।
  • पाकिस्तानी हाई कमीशन में तैनात सभी सैन्य और रक्षा कर्मियों को एक हफ्ते में देश छोड़ने का आदेश।
  • SAARC वीज़ा छूट योजना पाकिस्तान के लिए रद्द।
  • अटारी-वाघा बॉर्डर अनिश्चितकाल के लिए बंद।
  • पाकिस्तानी नागरिकों को 1 मई तक भारत छोड़ने का आदेश।
  • इंडस वॉटर ट्रीटी 1960 का निलंबन।

दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन हुए। जम्मू-कश्मीर और देश के कई राज्यों में लोगों ने आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए प्रदर्शन किए।


निष्कर्ष

पाहलगाम हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का ताजा उदाहरण है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने न केवल सुरक्षात्मक कार्रवाई की है, बल्कि कूटनीतिक और जलसंधि जैसे मोर्चों पर भी कठोर कदम उठाए हैं।

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