**अयोध्या राम मंदिर: 8 देवालयों में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान शुरू, 12 घंटे चलेगी पूजा** **अयोध्या, उत्तर प्रदेश:** 

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अयोध्या में राम मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया है। मुख्य मंदिर के साथ-साथ अन्य सात देवालयों में देवी-देवताओं की मूर्तियों की **प्राण-प्रतिष्ठा के अनुष्ठान** शुरू हो गए हैं। इन आठों देवालयों को फूलों और बिजली की सजावट से भव्य रूप से सजाया गया है, और स्वर्ण जड़ित शिखर कलश चमक रहा है। मंगलवार सुबह 6:30 बजे से शुरू हुई ये पूजा अगले 12 घंटे तक जारी रहेगी। इस दौरान **101 पुजारी** 1975 मंत्रों का पाठ करेंगे, अग्नि देवता को आहुति देंगे, और मूर्तियों के शुद्धिकरण की विधि भी पूरी की जाएगी। बुधवार को भी इसी प्रकार से पूजन विधि संपन्न होगी। — ### पूजा-पाठ और विधि विधान अनुष्ठान के तहत **रामरक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा और अन्य भक्ति भजनों** का पाठ किया जा रहा है। वैदिक आचार्यों के अनुसार, मंगलवार सुबह से वेदी पूजन, षोडश मात्रिका एवं सप्त मात्रिका पूजन, योगिनी पूजन, वास्तु पूजन, क्षेत्र पाल पूजन, सर्वतोभद्र पूजन, नवग्रह पूजन, यज्ञकुंड संस्कार, अरणि मंथन और यज्ञकुंड में अग्नि स्थापन, कुश कंडिका, प्रणिता प्रोक्षनी स्थापन, अग्नि सिंचन के साथ पंच वारुणी पूजन का कार्यक्रम शुरू हो चुका है। इसके बाद पीठ पर स्थापित देवताओं का आह्वान और पूजा की जाएगी, जिसके बाद मूर्तियों के संस्कार की विधि शुरू होगी। इस पूजन विधि के दौरान भक्तों के दर्शन पर कोई रोक-टोक नहीं रहेगी। — ### मुख्य समारोह और शुभ मुहूर्त राम दरबार, शेषावतार मंदिर सहित परकोटे के छह मंदिरों की मूर्तियों के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का **मुख्य पर्व 5 जून** को होगा। इस दिन देव विग्रहों में प्राणों का आधान होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि ने बताया कि इस मांगलिक आयोजन का मुहूर्त कांची कामकोटि के जगदगुरु शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने निकाला है। उन्होंने बताया कि भगवान के नेत्रोन्मिलन (आंखें खोलने) से पहले प्राणों के आधान की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। महंत गिरि ने यह भी बताया कि इस दौरान **मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ** मौजूद रहेंगे। राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित राम दरबार के विग्रहों के नेत्रों की पट्टी का अनावरण सीएम करेंगे। इसके साथ ही भगवान को दर्पण के माध्यम से विशेष भोग प्रसाद का दर्शन कराकर उनके मुखमंडल का दर्शन कराया जाएगा। — ### शोभायात्रा और वैदिक अनुष्ठान प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले सोमवार को सरयू तट से कलश में जल भरकर **शोभायात्रा** निकाली गई, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए राम मंदिर के यज्ञ मंडप पहुंची। इससे पहले नवनिर्मित देवालयों में देव विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या को प्रायश्चित कर्म पूजा की गई। मंगलवार से काशी के यज्ञाचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी, उपाचार्य चंद्रभानु शर्मा (दिल्ली) और अमरनाथ ब्रह्मा (बस्ती) के साथ प्रयाग, काशी, देवप्रयाग, हरिद्वार, जम्मू, दिल्ली, कानपुर, कोलकाता, अयोध्या आदि जगहों के **101 ऋत्विक** विविध अनुष्ठान संपन्न करवाएंगे। वैदिक अनुष्ठान 5 जून को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा पूजन तक चलेंगे, जिसके लिए यज्ञशाला पूरी तरह तैयार कर ली गई है। — ### श्रद्धालुओं से अपील और प्रशासन की तैयारी मंदिर ट्रस्ट को आशंका है कि कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ सकती है। ऐसे में मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि **3 से 5 जून तक किसी को आमंत्रित नहीं किया गया है**। यह कार्यक्रम बहुत सीमित संख्या के संत-महंत, वैदिक आचार्यों व कुछ विशिष्टजनों के बीच संपन्न होगा। चंपत राय ने यह भी बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा के साथ राम दरबार और परकोटे में निर्मित मंदिरों में पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी, लेकिन श्रद्धालु अभी कुछ महीने इन मंदिरों में दर्शन नहीं कर पाएंगे, क्योंकि राम मंदिर निर्माण की बाधाएं अभी सामने आ रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने जन्मदिन पर 5 जून को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में नवनिर्मित मंदिरों और प्रथम तल पर श्रीराम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होंगे। आचार्यों के मुताबिक यह तिथि बेहद शुभ मानी गई है। श्री राम जन्मभूमि में स्थित यात्री सुविधा केंद्र के प्रथम तल पर **विजय महामंत्र का संकीर्तन** 3 जून से 5 जून तक चलेगा। त्रिदिवसीय अनुष्ठान रोज सुबह 6:30 बजे से हनुमान चालीसा के गायन से शुरू होगा और शाम को 6:30 बजे तक विजय महामंत्र का संकीर्तन होगा। 5 जून को अनुष्ठान की पूर्ण आहुति भजन गायन के बाद संपन्न होगी। **प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर** है। श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, जिसमें जगह-जगह छाया, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था शामिल है। जिला प्रशासन ने सभी अस्पतालों में 10-10 बेड विशेष रूप से आरक्षित करवा दिए हैं। इसके अलावा, श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर में विश्राम स्थल और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। ओआरएस के पाउच का भी वितरण करवाया गया है। एसएसपी के अनुसार, वीआईपी के अलावा सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपकरणों के साथ जवान तैनात किए जा रहे हैं। **एटीएस और एसटीएफ की टीमें** भी तैनात की गई हैं।

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