ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रारंभ की जा रही तीन योजनाओं के माध्यम से करीब 20 हजार करोड़ रुपये लाखों श्रमिकों को उनके पारिश्रमिक के रूप में प्राप्त होगा। यह संकट का समय है। ईमानदारी व तत्परता से काम करें ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों को योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके। झारखण्ड आज कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। यह बड़ी चुनौती है। हमें सीमित संसाधनों के बल पर स्वास्थ्य सुविधा, प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन करना है। ये बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधा लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। ताकि उनके लिए भी रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। योजना के जरिये सरकार सड़क किनारे, सरकारी भूमि, व्यक्तिगत या गैर मजरुआ भूमि पर फलदार पौधा लगाया जाएगा। इन पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी ग्रामीणों की होगी। उन्हें पौधा का पट्टा भी दिया जाएगा, जिससे वे फलों से आमदनी कर सकें। पौधारोपण के करीब तीन वर्ष बाद प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। सरकार ने पंचायत स्तर पर खेल का मैदान निर्माण करने की योजना शुरू की है। वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के माध्यम से जहां एक ओर सरकार खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के कार्य करेगी, वहीं खेल के माध्यम से नौकरी में आरक्षण भी दिया जाएगा। खिलाड़ियों को खेल के रास्ते देश व राज्य के विकास से जोड़ना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना के माध्यम से पांच लाख करोड़ लीटर जल वृद्धि की योजना है। भूमिगत जल का संवर्धन आज के समय की जरूरत है, जिसका आभास हमसब को है। योजना के माध्यम से बंजर भूमि को खेती योग्य बनाना है।