सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति हेतु मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। विभागीय पदाधिकारियों पर सरकार के लक्ष्य को पूरा करने की जिम्मेवारी होती है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण हमें जो चुनौतियां मिली हैं, उन्हें हमें अवसर के रूप में बदलना है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण राज्य में माइग्रेंट मजदूरों की अधिक संख्या में वापसी हुई है। हमें उनके बीच जाकर उनमें विश्वास जगाना है उन्हें खेती-किसानी के लिए प्रोत्साहित करना है और सरकार द्वारा किसानों के लाभ के लिए जो भी योजनाएं चलाई जा रहीं हैं उनका अधिक से अधिक फायदा उन्हें मिले, यह सुनिश्चित करना है। 15 अगस्त तक राज्य के सभी किसानों को पी.एम. किसान योजना से जोड़ें। यह सुनिश्चित करें कि कोई भी किसान इस योजना से छुटे नहीं। कोविड-19 त्रासदी से उभरने में कृषि विभाग अहम रोल निभाएगा। उक्त बातें कृषि मंत्री श्री बादल ने कही। वे आज नेपाल हाउस में आयोजित खरीफ कार्यशाला 2020 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रत्येक जिले के कृषि पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
कृषि मंत्री ने कहा कि हमें बाजार समितियों को भी मजबूत करना है। हमें इसे एक नए रंग रूप में उभारना है ताकि बाजार समिति का उद्देश्य शत-प्रतिशत प्राप्त हो सके। उन्होंने कृषि पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिला स्तर के कृषि पदाधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों को जैविक कृषि के लिए प्रोत्साहित करें। झारखंड के किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करने और उन्हें उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है इसके लिये प्रत्येक जिले में जैविक प्रमाणन केंद्र खोली जायेगी। माननीय मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा वार्षिक कैलेंडर का निर्माण किया जा रहा है जिसमें कृषि कार्यों हेतु तारिख निर्धारित होंगे । अगले वर्ष से प्रत्येक वर्ष 25 मई को बीज दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि यंत्र कृषि कार्य के लिए अति आवश्यक है अतः सभी किसानों तक कृषि यंत्र सुलभ हो इसे सुनिश्चित करना है।
कृषि मंत्री श्री बादल ने सभी पदाधिकारियों को निदेश दिया कि किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान करें। राज्य सरकार जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने जा रही है, जिस पर किसान अपनी समस्याएं रख सकते हैं और उनका त्वरित निष्पादन आसानी के साथ किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड-19 महामारी के कारण काफी अधिक संख्या में प्रवासी मजदूरों की वापसी हुई है। राज्य सरकार जल्द ही इन प्रवासी मजदूरों की पहचान कर उन्हें पैकेज देने पर विचार कर रही है, जिसके लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। कृषि मंत्री ने विभाग से जुड़े सभी पदाधिकारियों को निदेश दिया कि किसानों को कृषि लोन के लिए प्रोत्साहित करें।