डॉक्टर भी पहले मानव और इंसान हैं लेकिन अफसोस कुछ डॉक्टरों की संवेदना मर चुकी है- सदर विधायक

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एक तरफ जहां झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता देश के सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की विशेष बैठक में शामिल होने शामिल होने गुजरात पंहुचे हैं वहीं उनके राज्य में स्वास्थ्य का सारा सिस्टम कोमा में चला गया है। इससे हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने गुरुवार को
पर्दा उठाया है और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की कुव्यवस्था की कलई खोल कर रख दी। और यह सब हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट के कक्ष में हुआ जब विधायक ने एक-एक खामियों को गिनाना शुरू किया तो सुप्रीटेंडेंट डॉ.विनोद कुमार की बोलती बंद हो गई। मामला था एचएमसीएच के फीमेल ऑर्थो वार्ड के बेड संख्या 28 में 23 मार्च 2022 को पैर का हड्डी टूटने के कारण भर्ती हुई हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड अंतर्गत ग्राम नयाटांड निवासी एक अत्यंत निर्धन और जरूरतमंद करीब 60 वर्षीय मरीज सीता देवी के इलाज का। जो मरीज पिछले 39 दिनों से यहां बेड पर ही कर्राह रही है। यह मरीज आर्थो विभाग के एचओडी डॉ शंकर निवास के अंडर में एडमिट होने के बावजूद उन्होंने लगातार 38 दिनों तक नजरंदाज करते रहे। 38 दिनों तक यहां इस मरीज के साथ बार्गेनिंग चलती रही। डॉ शंकर निवास के यहां कथित एजेंट के रूप में नारायण नामक एंप्लांट सप्लायर ने मरीज के रिश्तेदार से 20 हजार रुपए की मांग एंप्लांट के नाम पर करते हुए वे अड़ा रहा। जब मरीज के परिजनों ने पैसे देने में असमर्थता जताई तो ओटी के बेड से उसे वापस लौटा दिया। फिर यह मामला हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल के पास पंहुचा। परिजनों ने उनसे सर्जरी कराने में मदद की गुहार लगाई। विधायक मनीष जायसवाल ने एचएमसीएच के सुप्रीटेंडेंट से आग्रह किया। मरीज के भतीजा अर्जुन कुमार दास ने इस संबंध में लिखित शिकायत हजारीबाग उपायुक्त नैंसी सहाय से भी 02 मई 2020 को की। बावजूद इसके इलाज करने वाले संबंधित चिकित्सक डॉ शंकर निवास द्वारा मरीज का सर्जरी नहीं करके उल्टे 38 वें दिन रेफर कर दिया और मरीज को बोला यहां सर्जरी नहीं हो पाएगा। डॉ शंकर निवास ने मरीज के परिजन से यह भी कहा की आप एमपी, एमएलए और डीसी से पैरवी करा रहें हैं तो जाइए आपका सर्जरी हम नहीं करेंगे उन्हीं से करवा लीजिए ।

अंततः मरीज के परिजनों ने जब इसकी जानकारी गुरुवार को सदर विधायक मनीष जायसवाल को दी तो वे सूचना मिलते ही तत्काल सदर अपने सारे रूटीन कार्यों को छोड़कर हॉस्पिटल के फीमेल आर्थो वार्ड पंहुचे और मरीज से मिलकर सुध ली। मरीज की तपड़ को देखकर विधायक भावुक हो उठे जबकि उनके साथ यहां उपस्थित उनके समर्थकों की आंखें छलक गई। सदर विधायक ने कहा की आज दिखा डॉक्टरों की मानवीय संवेदना बिल्कुल मर चुकी है। वे गुस्से में सुप्रीटेंडेंट ऑफिस पंहुचे और यहां सुप्रीटेंडेंट डॉ.विनोद को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा की एक महीना 09 दिन तक किसी हड्डी टूटे हुए मरीज को सिर्फ़ स्वहित में तड़पा कर रखना अमानवीय कृत्य हैं और इसका इंसाफ ऊपर वाला जरूर करेगा। इधर विधायक मनीष जायसवाल ने सुप्रीटेंडेंट कार्यालय से ही इसकी शिकायत हजारीबाग डीसी, स्वास्थ्य विभाग के सचिव और स्वास्थ्य मंत्री से करते हुए उनसे गरीब और जरूरतमंद मरीजों के इलाज में हस्तक्षेप करते हुए मनमानी और दलाली कराने वाले चिकित्सकों के कड़ी करवाई करने की मांग की ।

इस मामले पर विधायक मनीष जायसवाल ने प्रेस से मुखातिक होते हुए कहा कि एचएमसीएच के ऑर्थो वार्ड में ऑर्थो विभाग के एचओडी डॉ शंकर निवास के संरक्षण में दलाली का कारोबार फल फूल रहा है। यहां डॉक्टरों द्वारा गरीब मरीजों एक्सटॉर्शन भी किया जा रहा है। सीता देवी के पास आयुष्मान भारत का कार्ड होने के बावजूद एक महीने तक आयुष्मान के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया। हमलोग के हस्तक्षेप के बाद आयुष्मान में एंट्री संभव हो सका। उन्होंने कहा कि डॉक्टर भी पहले मानव और इंसान हैं लेकिन अफसोस कुछ डॉक्टरों की संवेदना मर चुकी हैं।

सुप्रिटेंडेट डॉ विनोद कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि इस मामले में मैंने भी संबंधित डॉक्टर से बात किया था बावजूद इसके किस परिस्थिति में 39 दिनों तक मरीज को रख कर सर्जरी नहीं किया गया और अंततः रेफर कर दिया गया। यह मामला बेहद ही गंभीर हैं और इस मामले में हम संबंधित डॉक्टर से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है कि किस परिस्थिति में मरीज का इलाज इतने दिनों तक नहीं हो सका और आपके वार्ड में एंप्लांट के नाम पर दलाली क्यों हो रही है। उनका तबियत आज खराब है उनके जवाब के बाद कारवाई अवश्य होगी। मैं मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और विभागीय सचिव को भी इस संबंध में लिखूंगा ।

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