महाकुंभ 2025: प्रयागराज पहुंचे अमित शाह, संगम में लगाई आस्था की डुबकी, बड़े हनुमान और अक्षयवट के किए दर्शन

editor_jharkhand
0 0
Read Time:4 Minute, 52 Second

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाकुंभ मेला 2025 में भाग लेने के लिए प्रयागराज पहुंचकर पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई और विधिवत पूजा-अर्चना की। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, योगगुरु बाबा रामदेव, और कई संत-महात्माओं ने भी अमृत स्नान किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम स्नान कर चुके हैं।

संगम स्नान के बाद, अमित शाह ने बड़े हनुमान मंदिर और अक्षयवट के दर्शन किए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन स्थानों के दर्शन किए बिना संगम स्नान अधूरा माना जाता है। यदि आप भी महाकुंभ में संगम स्नान के लिए जा रहे हैं, तो इन पवित्र स्थलों के दर्शन अवश्य करें।

बड़े हनुमान मंदिर: लेटे हुए हनुमान जी की अद्भुत प्रतिमा

प्रयागराज में गंगा-यमुना के तट के निकट स्थित श्री बड़े हनुमान जी मंदिर श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केंद्र है। यह मंदिर किले वाले हनुमान जीलेटे हनुमान जी, और बांध वाले हनुमान जी के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां हनुमान जी की 20 फीट लंबी प्रतिमा धरातल से लगभग 6-7 फीट नीचेविराजमान है, जो दक्षिणाभिमुखी मुद्रा में लेटी हुई है।

मान्यता है कि वर्षा ऋतु में जब नदी का जलस्तर बढ़ता है, तब जल केवल हनुमान जी के चरणों तक पहुंचकर वापस लौट जाता है, लेकिन कभी प्रतिमा को नहीं ढकता। यह रहस्यमय घटना हर साल घटित होती है और इसे हनुमान जी की दिव्य शक्ति माना जाता है।

बड़े हनुमान जी मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर करीब 700 साल पुराना है। प्राचीन कथाओं के अनुसार, कन्नौज के राजा इस प्रतिमा को विंध्याचल से गंगा नदी के रास्ते अपने राज्य में ले जाने के लिए नाव से प्रयाण कर रहे थे। रास्ते में जब वे प्रयागराज में रुके, तो रात में नाव टूट गई और प्रतिमा नदी में डूब गई। राजा इसे वापस न ले जा सके और खाली हाथ लौट गए।

कई वर्षों बाद, श्री बालगिरि जी महाराज ने जब अपनी धूनी (पूजा स्थल) की खुदाई की, तो उन्हें यह प्रतिमा रेत के नीचे प्राप्त हुई। उन्होंने इसकी पूजा-अर्चना शुरू की और धीरे-धीरे यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए पवित्र तीर्थ स्थल बन गया।

अक्षयवट: अमरता का प्रतीक

अक्षयवट, प्रयागराज के पवित्र स्थलों में से एक है, जिसे अमरता का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह कल्पवृक्ष है, जिसका उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। कहा जाता है कि भगवान श्रीराम, भगवान बुद्ध, और कई संत-महात्माओं ने यहां तपस्या की थी।

महाकुंभ में दर्शन का सुनहरा अवसर

महाकुंभ के दौरान बड़े हनुमान जी और अक्षयवट के दर्शन करने लाखों-करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, संगम में स्नान तभी पूर्ण माना जाता है, जब श्रद्धालु इन पवित्र स्थलों के दर्शन करते हैं

अगर आप भी महाकुंभ 2025 में संगम स्नान करने जा रहे हैं, तो बड़े हनुमान जी मंदिर और अक्षयवट के दर्शन अवश्य करें और इस आध्यात्मिक यात्रा का संपूर्ण लाभ उठाएं।

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

श्रीलंका मना रहा है अपना 77वां राष्ट्रीय दिवस 🇱🇰

4 फरवरी 2025 को श्रीलंका अपना 77वां राष्ट्रीय दिवस मना रहा है। यह दिन 1948 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने की ऐतिहासिक घटना को स्मरण […]