प्लैनेटरी परेड 2025: पहली बार एक तस्वीर में दिखे पृथ्वी और 7 ग्रह

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27 वर्षीय खगोलीय फोटोग्राफर जोश ड्यूरी, जिन्हें “स्टारमैन” के नाम से भी जाना जाता है, ने इतिहास रच दिया है। माना जा रहा है कि उन्होंने पहली बार एक ही फ्रेम में पृथ्वी सहित सात ग्रहों को कैद किया है। यह दुर्लभ मौका “ग्रेट प्लैनेटरी परेड” नामक खगोलीय घटना के कारण मिला, जब सभी आठ ग्रह एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। यह दुर्लभ संयोग 1982 के बाद पहली बार हुआ है। जोश ड्यूरी, जो पुरस्कार विजेता खगोल फोटोग्राफर हैं, ने यह अद्भुत तस्वीर 22 फरवरी को समरसेट की मेंडिप हिल्स से ली, जिससे वह इतिहास रचने की कगार पर हैं।

कैसे ली गई यह ऐतिहासिक तस्वीर?

मरकरी, शनि और नेपच्यून जैसे मंद ग्रहों को कैद करने के लिए, ड्यूरी ने एक विशेष तकनीक अपनाई। उन्होंने कई अलग-अलग तस्वीरों को मिलाकर एक पैनोरमिक इमेज तैयार की। खासतौर पर मरकरी, शनि और नेपच्यून को दिखाने वाले फ्रेम के लिए, उन्होंने डुअल-एक्सपोजर तकनीक का इस्तेमाल किया—एक सामान्य एक्सपोजर और दूसरा बढ़ी हुई एक्सपोजर और ISO सेटिंग्स के साथ, ताकि इन मंद ग्रहों की हल्की रोशनी को कैद किया जा सके।

ग्रहों की स्थिति सत्यापित करने के लिए उन्होंने प्लैनेटरी मैप्स की मदद ली। इस ऐतिहासिक तस्वीर को लेने के लिए उन्होंने Sony A7S II कैमरा और Sigma 15mm डायगोनल फिशआई लेंस का उपयोग किया।

द टेलीग्राफ से बातचीत में ड्यूरी ने कहा, “मैंने सात ग्रहों की पैनोरमा इमेज कैप्चर करने में सफलता पाई, जिसे ‘प्लैनेटरी परेड’ कहा जा रहा है। यह नौ अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर बनाई गई है, जिसमें शनि, मरकरी और नेपच्यून भी शामिल हैं। इन ग्रहों को देख पाना बेहद कठिन था। मैंने उनकी स्थिति की पुष्टि के लिए कई इमेज एनालिसिस और खगोलीय ऐप्स का उपयोग किया।”

उन्होंने यह भी बताया कि इन तीन ग्रहों को सूर्य के करीब होने और सही समय पर फोटो लेने की चुनौती के कारण थोड़ा असमान रूप से कैद किया गया है। इसके अलावा, पश्चिमी दिशा में बादलों के कारण उनकी सटीक स्थिति को पूरी तरह संरेखित करना मुश्किल रहा।

क्या है प्लैनेटरी परेड?

यह दुर्लभ खगोलीय घटना अब अपने चरम पर पहुंच रही है।

खगोलविदों के अनुसार, जब एक ही समय में कई ग्रह सूर्य के एक ही ओर संरेखित हो जाते हैं, तो इसे ग्रहों की संरेखण (Planetary Alignment) कहा जाता है। यह संरेखण तीन से लेकर आठ ग्रहों तक का हो सकता है। छोटे संरेखण आम होते हैं, लेकिन बड़े संरेखण दुर्लभ होते हैं। खासकर, पांच-ग्रहों का संरेखण छह-ग्रहों की तुलना में अधिक आम होता है, लेकिन सातों ग्रहों का एक साथ संरेखण सबसे दुर्लभ और असाधारण माना जाता है।

28 फरवरी को एक दुर्लभ क्षण आने वाला है जब हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह रात के आकाश में दिखाई देंगे। इससे पहले, 21 से 29 जनवरी के बीच शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण और नेपच्यून की संरेखण देखी गई थी। यह 2040 तक का आखिरी मौका होगा जब सभी सात ग्रह एक साथ आकाश में एक अद्भुत नजारा पेश करेंगे।

भारत में प्लैनेटरी परेड की दृश्यता

भारत में यह दुर्लभ खगोलीय घटना दिखाई देगी। अधिकतर शहरों से इसे देखा जा सकता है। शुक्र, मंगल, बृहस्पति और अरुण ग्रह नग्न आंखों से देखे जा सकते हैं। हालांकि, मरकरी, शनि और नेपच्यून को देखने के लिए टेलीस्कोप की जरूरत होगी, क्योंकि ये ग्रह बहुत मंद रोशनी में होंगे।

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