अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को हमास को चेतावनी दी कि यदि सभी बंधकों को तुरंत रिहा नहीं किया गया, तो गाजा पर और भीषण तबाही होगी। उन्होंने हमास के नेताओं को जल्द से जल्द भाग जाने की धमकी दी।
सीज़फायर के टूटने के बीच ट्रंप ने इज़राइल को पूर्ण समर्थन देते हुए कहा कि वह “इज़राइल को हर वह चीज़ भेज रहे हैं, जिसकी जरूरत उसे इस मिशन को पूरा करने के लिए है।” उनकी सरकार अरबों डॉलर के हथियारों की आपूर्ति में तेजी ला रही है।
“सभी बंधकों को अभी रिहा करो, तुरंत, और जिन लोगों को तुमने मारा है, उनके शव वापस करो, वरना तुम्हारा अंत निश्चित है!” ट्रंप ने अपने Truth Social प्लेटफॉर्म पर यह संदेश दिया, जहां उन्होंने मुक्त कराए गए बंधकों से मुलाकात के बाद प्रतिक्रिया दी।
“यह तुम्हारी आखिरी चेतावनी है! नेतृत्व के लिए, अब गाजा छोड़ने का समय है, जब तक तुम्हारे पास मौका है।”
ट्रंप ने साफ कर दिया कि गाजा के लोगों को भी अंजाम भुगतना पड़ेगा, जहां लगभग पूरी आबादी इज़राइली सैन्य अभियान के कारण विस्थापित हो चुकी है।
“गाजा के लोगों के लिए: तुम्हारे लिए एक सुंदर भविष्य इंतजार कर रहा है, लेकिन अगर तुमने बंधक बनाए रखे, तो तुम्हारा अंत निश्चित है!”
इज़राइल की धमकी और युद्ध का बढ़ता दबाव
ट्रंप के बयान से पहले इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी हमास को चेताया था कि अगर उन्होंने बंधकों को रिहा नहीं किया, तो ‘ऐसे परिणाम भुगतने होंगे जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती’।
हाल ही में समाप्त हुए पहले चरण के युद्धविराम के दौरान इज़राइल और हमास के बीच बंधकों की अदला-बदली हुई थी, लेकिन जैसे ही यह चरण खत्म हुआ, इज़राइल ने फिर से हमास पर हमले तेज कर दिए।
हालांकि, इज़राइल ने कहा था कि वह युद्धविराम को अप्रैल के मध्य तक बढ़ाना चाहता है, लेकिन हमास ने स्पष्ट कर दिया कि वह तभी आगे बढ़ेगा जब एक स्थायी युद्धविराम की योजना बनाई जाएगी।
इज़राइल ने गाजा में सभी वस्तुओं और आपूर्ति के प्रवेश को रोक दिया है, जिससे वहां मानवीय संकट और गहरा गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस नीति पर आपत्ति जताई थी, लेकिन ट्रंप की सरकार इसे पूरी तरह समर्थन दे रही है।
इज़राइली सेना प्रमुख एयाल ज़मीर ने कहा, “हमास को अब तक गंभीर क्षति पहुंची है, लेकिन उसे पूरी तरह हराया नहीं गया है। हमारा मिशन अभी अधूरा है।”
गाजा में मानवीय संकट और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने गाजा में हालात को “विनाशकारी” करार देते हुए इज़राइल से राहत आपूर्ति को निर्बाध रूप से जारी रखने की अपील की है।
दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका ने इज़राइल पर गाजा में भोजन और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति रोकने का आरोप लगाया और इसे “युद्ध में भुखमरी को हथियार बनाने” की संज्ञा दी।
हमास से वार्ता और अमेरिका का नया रुख
ट्रंप की सख्त भाषा के बावजूद, अमेरिका ने पहली बार हमास के साथ सीधी बातचीत की पुष्टि की। अमेरिकी सरकार के बंधक मामलों के विशेष दूत एडम बोहलर ने अमेरिकी बंधकों की रिहाई को लेकर हमास से मुलाकात की।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लीविट ने कहा, “राष्ट्रपति का मानना है कि अमेरिकी नागरिकों के हित में दुनियाभर में संवाद बनाए रखना जरूरी है।”
1997 में अमेरिका ने हमास को एक आतंकी संगठन घोषित किया था और तब से किसी भी प्रत्यक्ष बातचीत से इनकार करता आया था। लेकिन अब, व्हाइट हाउस ने पुष्टि की कि बंधक मामलों में विशेष दूत को किसी से भी बात करने का अधिकार है।
फिलहाल, पांच अमेरिकी अब भी बंधक हैं, जिनमें चार की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि एडन अलेक्जेंडर जीवित होने की संभावना है।
ट्रंप की विवादित योजना और अरब देशों का प्रस्ताव
ट्रंप ने गाजा को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में लेने और वहां के लोगों को विस्थापित करने का सुझाव दिया, जिसे दुनिया भर में कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा।
इसके जवाब में, अरब देशों ने गाजा के पुनर्निर्माण के लिए एक वैकल्पिक योजना पेश की।
इस योजना के तहत $53 बिलियन (करीब 4.4 लाख करोड़ रुपये) की लागत से गाजा का पुनर्निर्माण किया जाएगा, लेकिन अंतिम घोषणा में यह आंकड़ा नहीं जोड़ा गया।
योजना के तहत, गाजा का प्रशासन फिलिस्तीनी लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) के अधीन होगा, ताकि हमास को सत्ता से हटाया जा सके।
यूरोपीय नीति विश्लेषक ह्यूग लोवाट ने कहा कि यह योजना “ट्रंप प्रशासन की योजना की तुलना में अधिक यथार्थवादी है और इसे लागू करना संभव है।”
हालांकि, पूर्व फिलिस्तीनी मंत्री घसन खतीब को इसमें संदेह है। उन्होंने कहा, “यह सोचना बेकार है कि इज़राइल ट्रंप की योजना छोड़ देगा और अरब देशों की योजना को स्वीकार करेगा। इसकी कोई संभावना नहीं है।”