कोरोना वायरस को लेकर बाजार में मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री में काफी इजाफा हुआ है। ऐसे में इन सामानों की कालाबाजारी होने एवं मास्क व सैनिटाइजर के निर्धारित मूल्य से दोगुनी-तिगुनी राशि वसूलने संबंधी शिकायत मिलने पर उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय के द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए अंचलाधिकारी, देवघर को जांच दल गठित कर उक्त मामले की जांच कर प्रतिवेदित करने का निदेश दिया गया था। इस आलोक में अंचलाधिकारी, देवघर श्री अनिल कुमार द्वारा टीम गठित कर उक्त मामले की जांच की गयी तो पाया गया कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाया गया आरोप सही है एवम संबंधित दवा दुकान के द्वारा मास्क की कालाबाजारी की जा रही है एवम ग्राहकों से मनमाने ढंग से निर्धारित मूल्य से अधिक राशि वसूली जा रही है। बाजार में 20-25 रुपये के दामों में मिलने वाले मास्क को 175 रुपये की कीमत में लोगों को बेची जा रही थी। इस पर उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई करते हुए दोषी पाए गए दवा विक्रेता पर कार्रवाई करते हुए सदर अस्पताल के समीप स्थित उसके दवाई दुकान “औषधालय मेडिकल दुकान” को सील कर दिया गया। साथ हीं निदेशित किया गया कि कोई भी दवा दुकान/ विक्रेता आवश्यक सामग्री के रूप में परिभाषित मास्क, प्लाई एवम प्लाई सर्जिकल मास्क, एन 95 मास्क और हैण्ड सैनिटाइजर की कालाबाजारी नहीं करेंगे। फिर भी यदि ऐसा करते हुए किन्ही को पाया जाता है तो उनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय के द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी, देवघर व मधुपुर के साथ-साथ सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी को निदेशित किया गया कि वे पूरी तरह से सतर्क रह कर अपने-अपने क्षेत्रों में नजर बनाए रखे, ताकि इन सामानों के कालाबाजारी करने वाले लोगों पर अंकुश लगाया जा सके एवं लोगों के लिए ये सामान बाजार में निर्धारित मूल्य पर आसानी से उपलब्ध हो।
ज्ञात हो उपायुक्त द्वारा पूर्व में ही कोरोना वायरस के प्रादुर्भाव को देखते हुए आवश्यक सामग्री के रूप में परिभाषित मास्क, प्लाई एवम प्लाई सर्जिकल मास्क, एन 95 मास्क और हैण्ड सैनिटाइजर बाजार में सर्वसाधारण को सुलभ रूप से उपलब्ध हो एवं किसी भी परिस्थिति में कोई भी दवा विक्रेता व दुकानदार न तो इसका कालाबाजारी करेंगे, न हीं निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर इन समानों की बिक्री करेंगे, ताकि ऐसे सामानों की किसी भी प्रकार की हो रही कालाबाजारी को पूर्णतः रोका जा सके। साथ ही उपायुक्त ने अपने आदेश में कहा है कि यदि कोई ऐसा करते हुए पाया जाएगा तो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की सुसंगत धाराओं के तहत दोषी के विरुद्ध आवश्यक व कड़ी कार्रवाई की जाएगी एवं यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।