रघुवर दास ने अप्रभावित क्षेत्रों में औद्योगिक संस्थान खोलने का किया आग्रह

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राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर राज्य के औद्योगिक संस्थानों में संगठित मजदूरों के साथ-साथ अस्थायी एवं ठेका मजदूरों में व्यापक हित में कोविड-19 से अप्रभावित क्षेत्रों के उद्योगों को शीघ्र खोलने का आग्रह किया है।

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राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर राज्य के औद्योगिक संस्थानों में संगठित मजदूरों के साथ-साथ अस्थायी एवं ठेका मजदूरों में व्यापक हित में कोविड-19 से अप्रभावित क्षेत्रों के उद्योगों को शीघ्र खोलने का आग्रह किया है।

उन्होंने पत्र में बताया है कि ऐसे कारखानों में फिर से उत्पादन प्रारंभ करना न सिर्फ मजदूर हित बल्कि उद्योग हित में भी आवश्यक है। झारखंड के लाखों मजदूर परिवार की आजीविका उद्योग-धंधे पर निर्भर है। इस वैश्विक महामारी से मध्यम एवं लघु उद्योग के मजदूर सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। ऐसे श्रमिकों में टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा के अन्य इकाईयां, टिमकेन, लाफार्ज (सिमेंट प्लांट), एच.ई.सी. और बोकारो स्टील प्लांट जैसे बड़े उद्योगों में काम करने वाले ठेका मजदूर भी शामिल हैं, जिन्हें ठेकादार वेतन नहीं दे रहे हैं। ऐसे मजदूरों के समक्ष गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। कमोवेश यही हाल आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 1600 उद्योगों में लाखों कामगारों के हैं।

रघुवर दास ने पत्र के जरिये कहा कि एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र (आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र) के लगभग 1600 बड़े, मध्यम एवं लघु उद्योग बंद पड़े हैं। इस उद्योग में लगभग एक हजार ऐसे उद्योग हैं, जो देश के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स पर निर्भर हैं। अकेले इन एक हजार उद्योगों में 80 हजार मजदूर काम करते हैं। टाटा मोटर्स का उत्पादन प्रभावित होने की वजह से इस पर निर्भर करने वाले आदित्यपुर के उद्योग और उसके मजदूर बदहाल हैं। उनके सामने परिवार का भरण-पोषण करना एक गंभीर समस्या बन गई है।

अपने पत्र में रघुवर दास ने कहा कि कोरोना से अप्रभावित क्षेत्रों में केंद्र सरकार द्वारा औद्योगिक प्रतिष्ठानों के चालू किए जाने के दिशा-निर्देश के बावजूद झारखंड में इन औद्योगिक इकाईयों को आवश्यक सावधानियों के साथ अतिशीघ्र चालू किए जाने की दिशा में पहल किया जाए। ऐसा करने से न सिर्फ राज्य के उद्योगों और मजदूरों का हित होगा, राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी, बल्कि जन-जीवन भी अहिस्ता-अहिस्ता गतिमान होगा।

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