घर आने की चाहत के साथ मजदूरों ने पैदल ही नाप डाली हजारों किलोमीटर की दूरी

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देश में कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से देश के औद्योगिक शहरों में लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर फंस गए हैं। सरकार इन प्रवासी मजदूरों को इनके मूल राज्यों में पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रही हैं। हालांकि, इसके बाद भी हजारों मजदूर ऐसे हैं जो

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देश में कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से देश के औद्योगिक शहरों में लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर फंस गए हैं। सरकार इन प्रवासी मजदूरों को इनके मूल राज्यों में पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रही हैं। हालांकि, इसके बाद भी हजारों मजदूर ऐसे हैं, जो पैदल ही अपने घरों की ओर चल दिए हैं।

हैदराबाद से बोकारो के लिए 8 दिन पहले चले 12 मजदूर आज रांची पहुंचे। ये सभी लोग पैदल ही हैदराबाद से रांची तक का सफर तय किया है। मजदूरों ने बताया कि वे 8 दिन पहले हैदराबाद से चले थे। रास्ते मे कई सारी मुश्किलें आयी। कई जगह पर पुलिस ने उनसे पूछताछ भी की।

एक मजदूर ने बताया कि हैदराबाद में लगे उद्योग लॉक डाउन के कारण बंद हो गए है। जिस कारण खाने के लाले पड़ गए थे। तभी हम सब ने पैदल ही अपने वतन लौटने का फैसला किया। मजदूरों का कहना है कि वे अब दूसरे राज्य नहीं जाना चाहते। अपने राज्य में ही काम करना चाहते है। सभी मजदूर थोड़े देर आराम कर बोकारो के लिए निकल पड़े।

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