कल International Day of Families था। यानी परिवार के साथ एक दिन गुजरने का दिन। यह शायद इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि जिम्मेदारियों को निभाते निभाते हम परिवार को समय नहीं दे पाते। काम का तनाव, पैसे कमाने की जद्दोजहद, जिम्मेदारियों को पूरा करते करते वक़्त कब निकल जाता पता ही नहीं चलता।
बहरहाल वर्षों बाद कोरोना वायरस ने हमें अपने परिवार के साथ वक़्त गुजरने का मौका दिया है। हम सभी लॉक डाउन में हैं। अपने अपने परिवार के साथ हैं। वक़्त भी दे रहे। कोई नए व्यंजन बना रहा तो कोई बच्चों के साथ खेल रहा। ऐसे में एक वर्ग ऐसा भी है जो परिवार से कोषों दूर है। जो परिवार से मिलने की चाहत में हजारों मील की दूरी को पैदल ही तय कर ले रहा। उनका परिवार भी उनके साथ है। बस साथ नही तो वो है सुकून।
बहुत लोगों को शायद पता भी ना हो। पर जिन्हें पता था उन्होंने ख़ुशी-ख़ुशी अपने परिवार के साथ इस दिन को मनाया। कई वर्षों के बाद शायद ये दिन माना पाए। कोरोना काल में पूरा परिवार आज साथ है। सभी ने सेल्फ़ी भी डाली। इसी क्रम में कुछ ऐसे भी लोग है जो पूरे परिवार के साथ रोड पर नज़र आ रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो अपने परिवार से मिलने के लिए सैकड़ों मील की दूरी पैदल ही चल रहे हैं। जो कभी घर आने पर तोहफ़ों से सबका मन जीत लेते थे, आज वो अपनी जान बचा कर घर पहुँच रहे है। इतनी लंबी यात्रा पैदल कर रहे इन लोगों के पैरों के चिथड़े निकल जा रहे।
अब सवाल यह है कि क्या हम उनके लिए कुछ कर सकते हैं? लॉक डाउन में फंसे भारत को निकालने की जिम्मेदारी क्या सिर्फ सरकार की है? सरकार नियम बनाती है, योजनाएं तैयार करती है। तो क्या हम सब सरकार के भरोसे बैठे रहें? एक सवाल फिर आता है कि हम क्या कर रहे? सिर्फ सोशल मीडिया पर तस्वीरें डाल कर सरकार, प्रसाशन को कोस रहे?
सड़के सुनसान है, दुकाने बंद है, खाने पीने का सामान भी उपलब्ध नहीं है। हम हर दिन अपनी बालकोनी से झांकते है और देखते है कि हजारों लोग अपने परिवार के साथ अपने घर को पैदल जा रहे है। क्या हम इनकी मदद नहीं कर सकते? इन्हें खाने पीने की कुछ चीज नहीं दे सकते? दे सकते है बस हमें संवेदनशील होने की जरूरत है।
कहना गलत नहीं होगा कि जो भी मज़दूर पलायन कर रहे हैं वो अपने साथ कोरोना जैसी घातक बीमारी साथ लिए घूम रहें हैं। स्थिति और भयानक होने वाली है अगर ऐसे पलायन नहीं रोके गए तो। हम सब को साथ मिलकर इस बीमारी को रोकना ही होगा। तभी आने वाला वक़्त सुरक्षित होगा।