पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा महिलाओं में होने वाली महावारी की सही जानकारी और जागरूकता लोगों तक फैलाना आवश्यक है। उन्हें जागरूक करना है कि यह कोई ऐसी क्रिया नहीं है जिसे छुआ-छूत की नजर से देखा जाये एवं लोगों से दूरी बनायी जाए। इस विषय पर निःसंकोच चर्चा करें। लोगों को इसके प्रति चल रही मिथक धारणा से बाहर लाना होगा उन्हें यह समझाना होगा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। उक्त बातें उन्होंने प्रोजेक्ट भवन सभागार में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा “चुप्पी तोड़ो स्वस्थ रहो” अभियान के दूसरे चरण के शुभारंभ के अवसर पर कही। मंत्री ने कार्यशाला में “चुप्पी तोड़ो स्वस्थ रहो” अभियान से जुडे पोस्टर का विमोचन किया एवं रेड डॉट चैलेंज का शुभारंभ भी किया।
“चुप्पी तोड़ो स्वस्थ रहो” कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर पेयजल एवं स्वच्छता सचिव प्रशांत कुमार ने कहा कि महावारी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिससे प्रत्येक माह किशोरियों एवं महिलाओं को गुजरना पड़ता है। लोग इसको सामाजिक टैबू की तरह देखते हैं जिससे महिलाओं के काफी कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। “चुप्पी तोड़ो स्वस्थ रहो” कार्यक्रम राज्य में 28 मई से लेकर 27 जून तक चलेगा। इसकी पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। श्री प्रशांत ने कहा कि कोविड-19 के कारण इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाने के लिये डिजिटल माध्यम का सहारा लिया जायेगा। जिसमें मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया, ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेसिंग जैसे माध्यमों की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी।
कार्यशाला में बताया गया कि सरकार लोगों के बीच स्वच्छता हेतु जागरूक्ता फैलाने का कार्य किया जा रहा है। अभियान के दौरान पूरे महीने में सेनेटरी पैड को सुनिश्चित कराने का लक्ष्य है। कार्यशाला में विभिन्न विभाग के पदाधिकारियों ने “चुप्पी तोड़ो स्वस्थ रहो ” कार्यक्रम के प्रथम चरण में आने वाली कठिनाइयों और एक्सपेरिएंस साझा किया। कार्यशाला में बताया गया कि इस अभियान में 10 साल से 19 साल की बालिकाओं के बीच जानकारी पहुंचाना ही काफी नहीं है बल्कि उन तक सैनेटरी नैपकिन की कम दर पर उपलब्धता हो सके इसके लिए भी कार्य किया जाना आवश्यक है।