झारखंड राज्य सहकारी बैंक के रांची शाखा और सरायकेला शाखा में वित्तीय अनियमितता, राशि का गबन और दुरुपयोग मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) से कराई जाएगी। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने यह आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने वित्तीय अनियमितता के इस मामले में दोषी कर्मियों पर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
ज्ञात हो कि बैंक के रांची शाखा में अनियमितता के इस मामले में वित्त विभाग के विशेष अंकेक्षण में 9, 98, 21,155 रुपए (नौ करोड़, अंठानबे लाख, इक्कीस हजार एक सौ पचपन रुपए) वसूली योग्य राशि के रुप में प्रतिवेदित की गई है। वहीं, बैंक की सरायकेला शाखा में 522.27 लाख रुपए के वित्तीय गबन की पुष्टि हुई है।
कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग ने झारखंड राज्य सहकारी बैंक की रांची और सरायकेला शाखा में गबन का मामला सामने आने पर तत्कालीन निबंधक, सहयोग समितियां औऱ विभागीय सचिव के संयुक्त जांच दल का गठन किया था। जांच दल ने इस मामले में दोषी पदाधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसमें लाल मनोज नाथ शाहदेव, तत्कालीन जिला सहकारिता पदाधिकारी, चाईबासा एवं जयदेव प्रसाद सिंह, तत्कालीन महाप्रबंधक, झारखंड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड तथा राम कुमार प्रसाद, तत्कालीन प्रबंध निदेशक, देवघर-जामताड़ा सहकारी बैंक को निलंबित कर दिया गया था।
विभागीय विशेष अंकेक्षण प्रतिवेदन और विभागीय स्तर पर गठित जांच समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में अनियमित तरीके से ऋण दिए जाने, उमेश चंद्र सिंह, तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक-सह-शाखा प्रबंधक,
जादगोड़ा शाखा का अनियमित रुप से सेवा विस्तार किए जाने, रांची के शहीद चौक स्थित बैंक भवन के नवीकरण कार्य में अनियमितता बरतने, चेक मुद्रण के व्यय में अनियमितता बरतने, कंप्यूटर सहायक की नियुक्ति में अनियमितता बरतने और गुमला-सिमडेगा केंद्रीय सहकारी बैंक के कर्मियों को नियम विरुद्ध तरीके से सेवा नियमितीकरण किए जाने का आरोप है।
झारखंड राज्य सहकारिता बैंक के सरायकेला शाखा में फर्जी प्रविष्टि करते हुए ऋण राशि का समायोजन कर गबन किए जाने, फर्जी बैंक ड्राफ्ट बनाकर राशि का गबन करने, बिना बजट के नकद व्यय कर गबन करने, अनियमित और असुरक्षित चेक परचेज किए जाने, अनियमित रुप से संजय कुमार डालमिया को कैश क्रेडिट लोन दिए जाने और बिना सिक्योरिटी के अनियमित रुप से अग्रिम दिए जाने से संबंधित आरोप वित्त विभाग के विशेष अंकेक्षण प्रतिवेदन और विभागीय स्तर पर गठित जांच समिति के प्रतिवेदन में प्रतिवेदित किए गए हैं।