भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर कहा कि राज्य में एक दिन में अब तक का सर्वाधिक 93 कोरोना संक्रमित का पाया जाना घोर चिंता का विषय है। एक दिन में इतनी तादाद में संदिग्धों का मामला सामने आना राज्य के लिए कतई अच्छा संकेत नहीं है। एक तो राज्य में अपेक्षित जांच नहीं हो रही है। काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग बंद कर दिया गया है। प्रवासी मजदूर जो आ रहे हैं, उनका कोई ठौर-ठिकाना नहीं है। प्रवासी मजदूर कहां से आ रहे हैं, कहां क्वारांटाईन कराया जा रहा है, इसका सही आंकड़ा सरकार के पास नहीं है। केवल ट्रेन-विमान से आने वाले ही प्रवासी मजदूर नहीं हैं बल्कि दूसरे संसाधनों के अलावा पैदल भी ये काफी संख्या में वापस अपने घर लौटे हैं।
उन्होंने कहा कि क्वारांटाईन सेंटर की व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। जहां क्वारांटाईन केन्द्र बनाए भी गए हैं वहां की कुव्यवस्था की खबरें प्रतिदिन देखने-सुनने को मिल ही रही है। कहीं खाना नहीं मिल रहा है तो कहीं सुविधाओं का अभाव है। 14000 से अधिक जांच सैंपल पेंडिंग बताए जा रहे हैं। ऐसा लग रह रहा है कि सैंपल लेने में भी कोताही बरती जा रही है। अब सवाल स्वाभाविक है कि ऐसी लचर व्यवस्था से भला सरकार कोरोना को कैसे परास्त कर पाएगी? ऊपर से संक्रमण का इस प्रकार लगातार बढ़ना बड़े खतरे की घंटी है। यह तो जो जांच हो रही है या जो नमूने लिए गए हैं उसका आंकड़ा है। कोरोना का जैसा स्वभाव है उसे देखते हुए अंदेशा व चिंता होना स्वाभाविक है कि पता नहीं और कितनी संख्या में बिना जांच के कोरोना संदिग्ध कहां विचरण कर रहे हैं और कौन-कौन इसकी जद में आ रहा है। भगवान करे, जो सरकार प्रस्तुत कर रही है वही आंकड़ा वास्तविक हो।