ब्राइनोलॉजी साइंटिफिक अकादमी ऑफ़ झारखण्ड द्वारा प्रथम ऑनलाइन संगोष्ठी दिनांक २८ ८ २२ को कराया गया। संगोष्ठी का विषय निंद्रा, स्वप्न, स्मृति और कार्यप्रणाली था। इस संगोष्ठी के प्रमुख प्रवक्ता सुश्री डॉली कृष्णन (सचिव सह शोधकर्ता) और श्री अमोस प्रशांत टोपनो (समन्वयक सह शोधकर्ता) थे। सुश्री डॉली कृष्णन का विषय स्वप्न और निंद्रा और अवसाद में इनके फायदे। इस दौरान इन्होने कोरोना महामारी में लॉक डाउन के दौरान अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में अपने प्रकाशित आलेख को प्रस्तुत किया जिसमे निंद्रा और स्वप्न के स्वरुप और उनका मनुष्य पर प्रभाव को दर्शाया गया है। श्री अमोस टोपनो ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में किये गए अपने शोध को प्रस्तुत किया जिसमे उन्होंने निंद्रा और स्मृति के सम्बन्ध को चूहों में दर्शाया। संगोष्ठीटी के उपस्थित सभी छात्रों और अद्येताओ ने उत्साहपूर्वक आम जीवन में नींद की अहमियत को समझा। कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी अकादमी की वेबसाइट के माध्यम से लिया गया जिसमें प्रथम स्थान पर मेधा कुमारी रही।
संगोष्ठी के दौरान अकादमी के उप सचिव डॉ कामदेव प्रामाणिक उर्फ़ रूपक (शिक्षक एवं भाषाविद) ने ब्राइनोलॉजी अकादमी की कार्यप्रणाली बताई। संस्थान की दो इकाइयां है, कल्पना और प्रयोगशाला। कल्पना विभाग द्वारा जनसेवा, जैसे गरीबों को भोजन व मुफ्त शिक्षा दी जाती है, वहीँ दूसरी और प्रयोगशाला विभाग द्वारा झारखण्ड में अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुसन्धान छात्रों के ही द्वारा किया जाता है। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉ अमित कुमार गौतम (शिक्षक सह भाषाविद) के द्वारा किया गया। संगोष्ठी को सफल बनाने में डॉ नितेश कुमार (वरीय वैज्ञानिक, IGIMS पटना), श्री मोहित वर्मा (अकादमी अध्यक्ष) और सुश्री ट्विंकल कृष्णन(अकादमी खजांची) का सहयोग सराहनीय रहा। अकादमी के अनुसार इस तरह की संगोष्ठी दोबारा जल्द ही कराई जायगी।