महिलाएं अगर आर्थिक रूप से स्वावलंबी हों, तो वह अपने परिवार, समाज, प्रदेश को उन्नति के रास्ते पर ले जा सकती हैं। झारखंड की ग्रामीण आदिवासी महिलाएं आदिकाल से बहुत मेहनती रही हैं और लंबे समय से आर्थिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती रही हैं। हेमन्त सरकार ने झारखंड की महिलाओं की इस कार्यशैली को बेहतर करने का फैसला लिया है और पिछले 4 सालों में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई सफल योजनाओं को धरातल पर उतारा है।
सरकार की तरफ से राज्य और राज्य के बाहर व्यापार में भागीदारी को सुनिश्चित करने, बालिका शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने, उम्रदराज महिलाओं को पेंशन के जरिए आर्थिक मजबूती देने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। आधी आबादी को ध्यान में रखकर हेमन्त सरकार कई योजनाएं चला रही है और कुछ पर काम कर रही है। अभी सरकार द्वारा चलायी जा रही आधी दर्जन योजनाएं, जो सिर्फ महिलाओं के आत्मसम्मान और उनकी समृद्धि पर केंद्रित है, काफी सफल रही हैं।
स्वयं सहायता समूहों को पलाश ब्रांड से जोड़कर उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं की ब्रांडिंग ने ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए रोजगार के द्वार खोल दिये हैं। कोविड काल में विश्वव्यापी आर्थिक संकट का असर झारखण्ड पर भी पड़ा था, लेकिन अब हालात सुधर रहे हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण पलाश ब्रांड है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के दिशा निर्देशन में क्रियान्वित किये जा रहे सफल प्रयास पलाश ब्रांडिंग एवं विपणन रणनीति के माध्यम से अब तक 29 विभिन्न प्रकार के उत्पादों को खुले बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। तीन वर्ष से कम अवधि में कुल 3982.00 लाख रुपए की बिक्री की जा चुकी है। पलाश ब्रांड में अपने कृषि उत्पादों की आपूर्ति तथा अन्य प्रसंस्करण, पैकजिंग एवं बिक्री के कार्यों से अब तक राज्य के स्वयं सहायता समूहों की एक लाख से अधिक ग्रामीण महिलाएं जुड़कर अपनी आय में वृद्धि कर रही हैं तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करते हुए इसे मुख्यधारा से जोड़ रही हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों की पहचान बन चुकी पलाश ब्रांड को विशुद्ध व्यावसायिक परिचालन हेतु “पलाश इंटरप्राइजेज कंपनी” का गठन किया जा रहा है।
इस योजना का मूल उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी लाना है।
इन योजनाओं से झारखंड की लाखों महिलाओं को लाभ मिल रहा है। पिछले 4 साल में कोरोना काल के बावजूद महिलाएं आर्थिक मामलों में काफी समृद्ध हुई हैं। हेमन्त सरकार ने हाल में ही 21 से 50 साल तक की सभी महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने की घोषणा की है। इस योजना से करीब 50 लाख महिलाओं को जोड़ने की दिशा में काम किया जा रहा है। यह योजना उनकी रोजमर्रा की जरूरत के खर्च को सरकार द्वारा वहन करने के उद्देश्य से चलायी जा रही है विभिन्न योजनाओं के जरिये हेमन्त सरकार राज्य की हर महिला से जुड़ने की दिशा में कार्य कर रही है।
झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) हेमन्त सरकार का महिला आत्मसम्मान को बढ़ावा देने के लिए एक कारगर कदम है। इसके तहत 21 से 50 वर्ष की महिलाओं को उनकी रोजमर्रा की जरूरत को ध्यान में रखते हुए प्रतिमाह 1000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के तहत प्रत्येक माह की 15 तारीख तक सरकार बहनों के एकल लिंक्ड बैंक खाते में राशि क्रेडिट करेगी। इस योजना के तहत लाभुकों के लिए पात्रता को सरल रखा गया है। आवेदिका झारखण्ड की निवासी हों, उनकी आयु 21 वर्ष से अधिक एवं 50 वर्ष से कम हो। आवेदिका का आधार लिंक्ड सिंगल (एकल) बैंक खाता हो। जिनका बैंक खाता आधार लिंक्ड नहीं है, वे भी योजना का लाभ दिसम्बर – 2024 तक उठा सकती हैं। बशर्ते मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड हो। आवेदिका का परिवार झारखण्ड राज्य के अंत्योदय अन्न योजना(पीला रंग का राशन कार्ड), पूर्वविक्ता प्राप्त गृहस्थ कार्ड (गुलाबी रंग का राशन कार्ड) /किरासन राशन कार्ड (सफेद रंग का राशन कार्ड)/हरा रंग का पृथक राशन कार्डधारी हो। योजना को युद्धस्तर पर चलाने के लिए 3 अगस्त से पूरे राज्य में कैम्प लगाकर आवेदन लेने का कार्य किया जाएगा। आवेदन फॉर्म और प्रक्रिया निःशुल्क है।
हेमन्त सरकार के महिला प्रोत्साहन और उनके शिक्षा में बेहतरी के प्रयास के रूप में इस योजना को देखा जा रहा है। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से इस वित्तीय वर्ष में 9 लाख किशोरियों को जोड़ने की योजना पर काम चल रहा है। फिलहाल लगभग 8 लाख छात्राओं को इसका लाभ मिल रहा है। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत कुल 5 बार में 40,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता सरकार की ओर से दी जाती है। यह सहायता वर्ग आठ से प्रारम्भ होकर उनके 12वीं कक्षा तक पहुंचने तक मिलती रहती है। इस योजना के तहत सरकारी स्कूल में वर्ग 8 से 12वीं तक की प्रत्येक स्कूली छात्रा को कक्षा आठ में 2,500 रुपये, नौवीं में 2,500, 10वीं में 5,000, ग्यारहवीं में 5,000 और बारहवीं में 5,000 रुपये की सहायता राशि उनके बैंक खाते में दी जाती है। जब किशोरी की उम्र 18 की हो जाये और उसका मतदाता पहचान पत्र बन जाये, तो उसे एकमुश्त 20,000 रुपये दिये जाते हैं, ताकि वह उस पैसे से आगे की पढ़ाई या कोई प्रशिक्षण लेकर स्वाबलंबी बन सके।
खाद्य आपूर्ति विभाग की तरफ से 20 लाख ज़रूरतमंद लोगों को हर माह अनुदानित दर पर एक रुपए प्रति किलोग्राम की दर से 5 किलोग्राम चावल प्रति लाभुक दिया जा रहा है।
खाद्य आपूर्ति विभाग की तरफ से ही 66 लाख राशनकार्ड धारियों को एक वर्ष में दो बार 10-10 रुपए में धोती/लुंगी एवं साड़ी दी जाती है।
सर्वजन पेंशन योजना
समाज कल्याण विभाग से चलायी जा रही सर्वजन पेंशन योजना से अबतक लगभग 36 लाख 20 हजार लाभुकों को लाभ मिल रहा है। दिसंबर 2019 तक (20 वर्षों में) मात्र 15 लाख को लाभ मिलता था।
ग्रामीण विकास विभाग की महिलाओं के आत्मसम्मान के लिए चलायी जा रही योजना है फूलो झानो आशीर्वाद अभियान। इस योजना के तहत अब तक 32 हजार से अधिक माता-बहनों को लाभ मिल चुका है। अब सहायता राशि भी बढ़कर 50 हजार रुपये कर दी गयी है।
ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अब तक 1 लाख 40 हजार समूहों को लगभग 8,250 करोड़ रुपए की राशि बैंक क्रेडिट/लिंक की गयी है। जबकि, पिछली सरकार में 2019 दिसंबर तक सिर्फ 640 करोड़ रुपए से ही समूहों को बैंक क्रेडिट/लिंक किया