विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला के दौरान सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का जल भरकर कांवर अपने कांधे पर लेकर शिवभक्त बाबाधाम देवघर की ओर जा रहे हैं। कांवरियों के जत्थे रोज बड़ी संख्या में अजगैवीनगरी से रवाना हो रहे हैं, जिससे सुल्तानगंज से देवघर तक का कांवरिया पथ केसरियामय हो गया है। हालांकि, इस यात्रा के दौरान कांवरियों की मौत का सिलसिला भी नहीं थम रहा है।
बुधवार को एक और कांवरिया की रास्ते में मौत हो गई। श्रावणी मेला के शुभारंभ के बाद से कई कांवरियों की अलग-अलग हादसों में जान जा चुकी है। कुछ श्रद्धालुओं की मौत करंट लगने से हुई है, जबकि कुछ को दिल का दौरा पड़ने के कारण जान गंवानी पड़ी। अब तक करंट लगने से दो लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं। मेला के शुरुआती दिनों में एक कांवरिया दुकान में लगे पंखे के नंगे तार से संपर्क में आकर मारा गया, जबकि हाल ही में एक अन्य कांवरिया बस की छत पर त्रिपाल हटा रहा था, जब वह हाई वोल्टेज करंट वाले तार की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। इसके अलावा, अन्य घटनाओं में भी कई मौतें हो चुकी हैं।