झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को पहले भाजपा शासित राज्यों में आदिम जनजातियों की स्थिति का आकलन करना चाहिए उसके बाद राज्य सरकार को आदिम जनजातियों से जुड़े सलाह देना चाहिए। रांची में पत्रकारों से बातचीत में सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पहाड़िया जनजाति के संबंध में राज्य सरकार को सलाह दे रहे हैं। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा शासित उड़ीसा राज्य में 15 आदिम जनजाति, छत्तीसगढ़ में 12 आदिम जनजाति और मध्य प्रदेश में 18 आदिम जनजाति निवास करती हैं। सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को सबसे पहले इन तीनों भाजपा शासित राज्यों में आदिम जनजातियों की शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार की स्थिति का आकलन करना चाहिए। सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख और गुरु जी शिबू सोरेन के नेतृत्व में बनी सरकार के दौरान ही आदिम जनजातियों को नौकरियों में सीधी बहाली की व्यवस्था की गई थी जिसे आज भी कायम रखा गया है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा से सवाल करना चाहिए कि उनके राज्य में चाय बागान में काम कर रहे झारखंड की आदिवासियों को जनजातीय समाज का दर्जा क्यों नहीं मिला है।
भाजपा शासित राज्यों में आदिम जनजातियों की स्थिति का आकलन करना चाहिए
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