भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने लगभग 12 साल, 2 महीने और 24 दिन बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी की है। कोहली को रेलवेज के खिलाफ दिल्ली की प्लेइंग-11 में शामिल किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि वह आयुष बडोनी की कप्तानी में खेल रहे हैं। इससे पहले कोहली ने अपना आखिरी रणजी मैच 2-5 नवंबर 2012 को उत्तर प्रदेश के खिलाफ खेला था।
टॉस और टीमों की जानकारी
दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले जा रहे इस मुकाबले में दिल्ली के कप्तान आयुष बडोनी ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया।
रेलवेज की टीम:
अंचित यादव, विवेक सिंह, सूरज आहूजा (कप्तान), उपेन्द्र यादव (विकेटकीपर), मोहम्मद सैफ, भार्गव मेराई, कर्ण शर्मा, राहुल शर्मा, हिमांशु सांगवान, अयान चौधरी, कुणाल यादव।
दिल्ली की टीम:
अर्पित राणा, सनत सांगवान, विराट कोहली, यश ढुल, आयुष बडोनी (कप्तान), प्रणव राजुवंशी (विकेटकीपर), सुमित माथुर, शिवम शर्मा, नवदीप सैनी, मनी ग्रेवाल, सिद्धांत शर्मा।
लय हासिल करने का सुनहरा मौका
इंग्लैंड के खिलाफ 6 फरवरी से शुरू होने वाली वनडे सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी से पहले कोहली के पास इस रणजी मुकाबले में अपनी फॉर्म हासिल करने का बेहतरीन मौका होगा। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारत की हार के बाद BCCI ने सभी क्रिकेटरों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य कर दिया था। हालांकि कोहली सौराष्ट्र के खिलाफ पिछले रणजी मैच में नहीं खेले थे, लेकिन उन्होंने रेलवेज के खिलाफ अपनी उपलब्धता दी।
दिल्ली के कप्तान आयुष बडोनी ने कहा कि वह विराट के खिलाफ आईपीएल में खेल चुके हैं, लेकिन उनकी कप्तानी में खेलना सम्मान की बात है। इससे पहले ऋषभ पंत भी उनके नेतृत्व में दिल्ली के लिए रणजी खेले थे।
नंबर चार पर उतरेंगे कोहली
कप्तान बडोनी ने अपने नंबर चार के स्थान को कोहली के लिए छोड़ दिया है। बडोनी के मुताबिक, विराट ने टीम को सकारात्मक रहने और आत्मविश्वास के साथ खेलने की सलाह दी है।
अरुण जेटली स्टेडियम की पिच पर हरी घास दिखाई दे रही है, जिससे तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है। अगर कोहली इस मैच में रन बनाने में सफल रहते हैं, तो चैंपियंस ट्रॉफी से पहले उनकी यह रणजी वापसी बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है।
दिलचस्प बात यह भी है कि रेलवेज की टीम में अनुभवी लेग स्पिनर कर्ण शर्मा भी खेल रहे हैं, जो 2014 में एडिलेड टेस्ट में कोहली की कप्तानी में भारत के लिए खेले थे। यही वह टेस्ट था, जिसमें विराट कोहली ने पहली बार भारत की टेस्ट टीम की कप्तानी की थी।
इस मुकाबले के साथ कोहली ने घरेलू क्रिकेट में फिर से कदम रखा है, जिससे भारतीय क्रिकेट फैंस की उम्मीदें और बढ़ गई हैं।