केंद्रीय बजट 2025 से पहले आर्थिक सर्वेक्षण 2025 पेश किया गया, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था, रोजगार, कर नीति और विकास की संभावनाओं को लेकर महत्वपूर्ण संकेत मिले हैं। इस बार बजट को लेकर कई अहम मुद्दे सामने आए हैं, जिनमें शादीशुदा जोड़ों के लिए ज्वाइंट टैक्स फाइलिंग, नौकरी सृजन की आवश्यकता, और आर्थिक विकास की संभावनाएं शामिल हैं।
शादीशुदा जोड़ों के लिए ज्वाइंट टैक्स फाइलिंग की मांग
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने बजट 2025 से पहले सरकार से एक नई कर सुविधा की मांग की है, जिसमें शादीशुदा जोड़ों को ज्वाइंट टैक्स फाइलिंग की सुविधा दी जाए। अमेरिका और इंग्लैंड जैसे कई देशों में यह व्यवस्था पहले से लागू है, जिससे दंपत्तियों को कराधान में राहत मिलती है। इस सुविधा के लागू होने से भारत में भी मध्यम वर्गीय परिवारों को कर राहत मिलने की संभावना है।
बढ़ती आबादी को रोजगार देना सबसे बड़ी चुनौती
आर्थिक सर्वेक्षण 2025 के अनुसार, भारत को 2030 तक गैर-कृषि क्षेत्र में 78.5 लाख नई नौकरियां पैदा करनी होंगी। देश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से सर्विस सेक्टर पर आधारित है, जिसमें आईटी क्षेत्र की अहम भूमिका है। हालांकि, सर्वेक्षण में यह भी बताया गया कि अधिकांश श्रमिक कम मूल्य वाली सेवाओं में लगे हुए हैं, जिन्हें आसानी से ऑटोमेशन (मशीनीकरण) से बदला जा सकता है।
यदि कंपनियां उत्पादन लागत घटाने के लिए मशीनों को प्राथमिकता देती हैं, तो लाखों श्रमिकों की नौकरियां जा सकती हैं, जिससे देश की खपत क्षमता (कंजम्प्शन) प्रभावित होगी। यदि यह ट्रेंड जारी रहा, तो अर्थव्यवस्था की विकास दर धीमी हो सकती है। ऐसे में सरकार को नए रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देना होगा ताकि डिजिटल और ऑटोमेशन युग में मानव संसाधन की भागीदारी बनी रहे।
बजट 2025 से क्या उम्मीदें?
- कर व्यवस्था में सुधार:
शादीशुदा जोड़ों के लिए संयुक्त आयकर दाखिल करने की सुविधा लागू हो सकती है। - रोजगार सृजन:
स्टार्टअप और नई इंडस्ट्रीज को प्रोत्साहन देकर 78.5 लाख नई नौकरियों का लक्ष्य पूरा करने की योजना बनाई जा सकती है। - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन के प्रभाव को संतुलित करने के उपाय:
सरकार को श्रमिकों को अपस्किलिंग (नई तकनीकों की ट्रेनिंग) के लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रम शुरू करने होंगे। - मध्यम वर्ग के लिए राहत:
आयकर स्लैब में बदलाव और रोजगार से जुड़ी नीतियों में सुधार की संभावना है।
निष्कर्ष
बजट 2025 भारत के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। जहां शादीशुदा जोड़ों को कर राहत देने की मांग की जा रही है, वहीं नौकरी सृजन सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऑटोमेशन और मशीनों के बढ़ते उपयोग के कारण मानव श्रम पर संकट गहराने का खतरा है, जिसे देखते हुए सरकार को नए सुधारों की घोषणा करनी होगी।