प्रयागराज के संगम तट पर मौनी अमावस्या स्नान से पहले मंगलवार-बुधवार रात करीब डेढ़ बजे अचानक भगदड़ मच गई। अफरा-तफरी में 35-40 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, वहीं परिजन सीपीआर देकर अपनों को बचाने की कोशिश करते दिखे।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल सभी अखाड़ों से बातचीत कर स्नान रोकने की अपील की। इसके बाद NSG कमांडो और ट्रेनी IPS अधिकारियों ने भीड़ नियंत्रण का मोर्चा संभाला। ह्यूमन चेन बनाकर श्रद्धालुओं को बाहर निकाला गया और बैरिकेडिंग के जरिए भीड़ को नियंत्रित किया गया। तीन घंटे के भीतर हालात पूरी तरह सामान्य कर लिए गए। इस मुश्किल घड़ी में संत, श्रद्धालु, पुलिस और प्रशासन एक-दूसरे का सहारा बने।
कैसे संभाली गई स्थिति? पढ़ें 7 प्रमुख बिंदु
1️⃣ NSG कमांडो ने संभाला मोर्चा
- भगदड़ के तुरंत बाद संगम तट पर आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई।
- प्रयागराज शहर में श्रद्धालुओं के आगमन पर अस्थायी रोक लगा दी गई।
- अतिरिक्त पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई।
2️⃣ पुलिस ने बैरिकेडिंग कर भीड़ को रोका
- भीड़ को नियंत्रित करने के लिए घाटों की ओर जाने वाले रास्ते बंद कर दिए गए।
- केवल आपातकालीन सेवाओं और अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई।
3️⃣ हेलिकॉप्टर से निगरानी और लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट
- लोगों को शांत रहने और भगदड़ से बचने की अपील की गई।
- अतिरिक्त निकास मार्ग खोले गए, पांटून ब्रिज का उपयोग किया गया।
- 16 नंबर पीपापुल को अस्थायी रूप से बंद किया गया।
4️⃣ ह्यूमन चेन बनाकर भीड़ को निकाला गया
- ट्रेनी IPS अधिकारियों की टीम को ग्राउंड पर उतारा गया।
- पुलिसकर्मियों ने हाथ पकड़कर चेन बनाई और भीड़ की दिशा बदली।
- अनाउंसमेंट कर श्रद्धालुओं को सही रास्ता दिखाया गया।
5️⃣ अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं बढ़ाईं गईं
- 50 से अधिक एम्बुलेंस तैनात की गईं।
- अस्पतालों में अतिरिक्त डॉक्टरों और नर्सों की तैनाती हुई।
- घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद सेंट्रल अस्पताल भेजा गया।
6️⃣ अखाड़ों ने कुछ देर के लिए स्नान रोका
- सीएम योगी के अनुरोध पर 13 अखाड़ों ने स्नान अस्थायी रूप से रोक दिया।
- मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाकर स्थिति नियंत्रण की रणनीति बनाई।
7️⃣ श्रद्धालुओं को प्रयागराज जाने से रोका गया
- राज्य सरकार ने अन्य जिलों के डीएम को श्रद्धालुओं को रोकने का निर्देश दिया।
- स्पेशल ट्रेनें और बसें अस्थायी रूप से रोक दी गईं।
- रुके हुए श्रद्धालुओं के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था की गई।
घटनास्थल पर बढ़ाई गई सुरक्षा, मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका
घटनास्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है। प्रशासन हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है और घायलों के बेहतर इलाज की व्यवस्था की जा रही है। हालांकि, मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।