प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस दौरे का तीसरा दिन ऐतिहासिक क्षणों को समर्पित रहा। मंगलवार रात वे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ मार्सेपहुंचे, जो फ्रांस का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इस दौरान उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक वीर सावरकर को याद किया और मार्से के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्व को रेखांकित किया।
सावरकर और मार्से का ऐतिहासिक जुड़ाव
1910 में नासिक षड्यंत्र मामले में लंदन में गिरफ्तार किए गए वीर सावरकर को ब्रिटिश अधिकारी जहाज से भारत ले जा रहे थे। जब जहाज मार्से के पास पहुंचा, तो सावरकर ने समंदर में छलांग लगाकर फ्रांस की धरती पर पहुंचने का साहसिक प्रयास किया। हालांकि, ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें दोबारा गिरफ्तार कर लिया।
फ्रांस ने किया था सावरकर की गिरफ्तारी का विरोध
सावरकर की गिरफ्तारी फ्रांस की जमीन पर हुई थी, जिससे फ्रांस सरकार ने विरोध जताया। यह मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय तक पहुंचा, जिससे भारत की आजादी के संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिली।
मार्से का भारत के स्वतंत्रता संग्राम में विशेष स्थान
पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि मार्से सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम का गवाह भी है। यह वह जगह है जहां वीर सावरकर के अदम्य साहस और स्वतंत्रता की लौ को दुनिया ने देखा। उनका यह दौरा भारतीय इतिहास और फ्रांस-भारत संबंधों के ऐतिहासिक पक्ष को और मजबूत करने का संकेत देता है।