28 फरवरी 2025 को एक दुर्लभ खगोलीय घटना देखने को मिलेगी, जब हमारे सौरमंडल के सभी सात ग्रह एक साथ आकाश में दिखाई देंगे। यह अद्भुत नजारा 2040 तक फिर नहीं दोहराया जाएगा। यह घटना उस ग्रहीय परेड का चरम होगी, जो पिछले महीने शुरू हुई थी।
इस दौरान बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून एक सीध में दिखाई देंगे। NASA के अनुसार, चार या अधिक ग्रहों की संरेखण वाली घटनाएं दुर्लभ होती हैं और हर साल नहीं होतीं। इस बार तो कई चमकीले ग्रह भी दिखाई देंगे, जो इसे और खास बना रहा है।
क्या है ग्रहों की परेड?
Space.com के अनुसार, हमारे सौरमंडल के ग्रह सूर्य की परिक्रमा एक विशेष पथ (Ecliptic) पर करते हैं, जिससे वे पृथ्वी से देखने पर एक सीध में दिखाई देते हैं। इस प्रकार की घटनाओं को ग्रहीय संरेखण (Planetary Alignment) कहा जाता है।
इसे “प्लैनेट परेड” भी कहा जाता है, हालांकि NASA के अनुसार यह कोई तकनीकी खगोलीय शब्द नहीं है।
कब और कैसे देखें यह अद्भुत नजारा?
इस दुर्लभ खगोलीय घटना को देखने के लिए सबसे उपयुक्त समय सूर्यास्त के 45 मिनट बाद होगा।
🔹 नंगी आंखों से दिखने वाले ग्रह: शुक्र, मंगल, बृहस्पति और यूरेनस
🔹 दूरबीन या टेलीस्कोप से दिखने वाले ग्रह: बुध, शनि और नेपच्यून
ग्रहों की स्थिति:
- शुक्र (Venus) – सूर्यास्त के बाद पश्चिम में चमकता हुआ दिखाई देगा।
- मंगल (Mars) – दक्षिण दिशा में ऊंचे आकाश में दिखेगा और मार्च 2025 की शुरुआत तक देखा जा सकेगा।
- बृहस्पति (Jupiter) – सूर्यास्त के बाद दक्षिण-पश्चिम दिशा में दिखेगा।
- यूरेनस (Uranus) – यह तकनीकी रूप से नंगी आंखों से दिख सकता है, लेकिन इसे देखने के लिए अंधेरे और साफ आकाश की जरूरत होगी।
🔹 थोड़ा कठिन ग्रह:
- शनि (Saturn) – साल की शुरुआत में देखने के लिए अच्छा था, लेकिन फरवरी के अंत तक यह सूर्य के बहुत पास रहेगा और इसे देख पाना कठिन होगा।
- नेपच्यून (Neptune) – इसे देखने के लिए अच्छी दूरबीन या टेलीस्कोप की आवश्यकता होगी।
- बुध (Mercury) – यह ग्रह इस परेड को पूरा करेगा और सभी सात ग्रहों को एक साथ देखने का अवसर देगा। यह पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में सूर्यास्त के तुरंत बाद दिखाई देगा, लेकिन इसे देखने के लिए बिल्कुल साफ क्षितिज (horizon) चाहिए।
👉 हालांकि, अगर आप उम्मीद कर रहे हैं कि सातों ग्रह एकदम स्पष्ट और चमकदार दिखाई देंगे, तो ऐसा संभव नहीं होगा। शुक्र, मंगल, बृहस्पति और यूरेनस स्पष्ट होंगे, लेकिन बुध, शनि और नेपच्यून को देखना मुश्किल होगा।
भारत में कहां और कैसे देखें यह दुर्लभ खगोलीय घटना?
- भारत के अधिकांश शहरों में यह खगोलीय संरेखण देखा जा सकेगा।
- शुक्र, मंगल, बृहस्पति और यूरेनस नंगी आंखों से दिखेंगे।
- बुध, शनि और नेपच्यून को देखने के लिए टेलीस्कोप या अच्छी दूरबीन की जरूरत होगी।
👉 कैसे करें बेहतरीन अवलोकन?
✔ ऐसी जगह चुनें जहां क्षितिज खुला हो और कोई रुकावट न हो।
✔ शहर की रोशनी से दूर किसी अंधेरी जगह पर जाएं, ताकि प्रकाश प्रदूषण कम हो।
✔ बृहस्पति, मंगल, शुक्र और यूरेनस को आप नंगी आंखों से देख सकते हैं, लेकिन बुध, शनि और नेपच्यून के लिए दूरबीन या टेलीस्कोप बेहतर रहेगा।
✔ आसमान पूरी तरह साफ हो, यह देखने के लिए महत्वपूर्ण है।
तो 28 फरवरी की शाम तैयार रहें, क्योंकि यह खगोलीय परेड 2040 से पहले फिर नहीं दिखेगी! 🌌🔭