इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने वॉशिंगटन डीसी में आयोजित कंजरवेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) में वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करते हुए उदारवादी विचारधारा और वामपंथी राजनीति पर तीखा हमला किया। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करते हुए कहा कि वामपंथी ‘दोहरे मानदंड’ अपना रहे हैं और दक्षिणपंथी नेताओं के उदय से घबराए हुए हैं।
📌 मेलोनी का तंज:
“जब 90 के दशक में बिल क्लिंटन और टोनी ब्लेयर ने वैश्विक वामपंथी उदारवादी नेटवर्क बनाया, तो उन्हें महान नेता कहा गया। लेकिन आज जब ट्रंप, मेलोनी, (जावियर) मिली या (नरेंद्र) मोदी बोलते हैं, तो उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरा बताया जाता है।”
उन्होंने आगे कहा कि वामपंथियों की नीतियों से जनता का मोहभंग हो चुका है और उनकी साजिशों के बावजूद लोग दक्षिणपंथी नेताओं को चुन रहे हैं।
📌 ट्रंप की जीत से वामपंथी परेशान:
मेलोनी ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से वामपंथी गुस्से में हैं और अब उनकी यह नाराजगी “हिस्टीरिया” (अत्यधिक उत्तेजना) में बदल गई है।
“बात सिर्फ इतनी नहीं है कि कंजरवेटिव (दक्षिणपंथी) जीत रहे हैं, बल्कि यह भी कि अब वे वैश्विक स्तर पर एकजुट हो रहे हैं।”
📌 CPAC में मेलोनी की भागीदारी पर विवाद:
मेलोनी की CPAC में भागीदारी को लेकर इटली में विवाद खड़ा हो गया। उनकी विरोधी एल्ली श्लाइन (इटली की डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता) ने मेलोनी से इस सम्मेलन से दूरी बनाने की मांग की।
“उन्हें इस नव-फासीवादी सभा से खुद को अलग कर लेना चाहिए। ट्रंप ने यूक्रेन और यूरोपीय संघ के खिलाफ जो अपमानजनक टिप्पणियां की हैं, मेलोनी ने उस पर एक शब्द भी नहीं कहा।”
📌 अमेरिका-यूरोप संबंधों पर मेलोनी का जवाब:
मेलोनी ने कहा कि ट्रंप के सत्ता में लौटने के बावजूद अमेरिका और यूरोप के संबंध मजबूत बने रहेंगे। हालांकि, यूरोप में यह चिंता बढ़ रही है कि ट्रंप की रूस से नजदीकी और नाटो पर उनकी नई रणनीति कहीं यूरोपीय सुरक्षा को प्रभावित न करे।