केंद्र सरकार सभी नागरिकों के लिए एक ‘यूनिवर्सल पेंशन योजना’ तैयार कर रही है, जिसमें असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, वेतनभोगी कर्मचारियों और स्वरोजगार करने वालों को शामिल किया जाएगा। श्रम मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को NDTV को यह जानकारी दी।
असंगठित क्षेत्र के लोगों को भी मिलेगा लाभ
फिलहाल, निर्माण श्रमिकों, घरेलू कामगारों और गिग वर्कर्स जैसे असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सरकार की किसी भी बड़ी बचत योजना का लाभ नहीं मिलता।
नई योजना के तहत, संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के लोग पेंशन योजना से जुड़ सकेंगे।
सरकार नहीं देगी अंशदान, योजना होगी स्वैच्छिक
इस योजना और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) जैसी मौजूदा योजनाओं के बीच एक बड़ा अंतर यह है कि इसमें अंशदान पूरी तरह स्वैच्छिक होगा और सरकार की ओर से कोई योगदान नहीं दिया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य पेंशन और बचत ढांचे को सुव्यवस्थित करना है, जिसके तहत कुछ मौजूदा योजनाओं को मिलाया जा सकता है। हालांकि, यह राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) का स्थान नहीं लेगी बल्कि एक अलग स्वैच्छिक विकल्प के रूप में उपलब्ध होगी।
प्रस्ताव तैयार, जल्द होगी चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, जैसे ही प्रस्ताव तैयार होगा, सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श शुरू किया जाएगा।
मौजूदा पेंशन योजनाएं
वर्तमान में, सरकार असंगठित क्षेत्र के लिए कई पेंशन योजनाएं संचालित करती है, जिनमें शामिल हैं:
- अटल पेंशन योजना: 60 वर्ष की उम्र के बाद ₹1,000 से ₹1,500 मासिक पेंशन देती है।
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM): स्ट्रीट वेंडर्स, घरेलू कामगारों और मजदूरों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है।
- प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना: किसानों के लिए 60 वर्ष के बाद ₹3,000 मासिक पेंशन की व्यवस्था करती है।
नई यूनिवर्सल पेंशन योजना से देश के हर नागरिक को एक सुरक्षित और सुव्यवस्थित बचत का विकल्प मिलेगा।