286 दिनों बाद धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स, मुस्कान के साथ किया स्वागत

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अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर आठ दिन की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा के लिए गए थे, लेकिन यह मिशन नौ महीने लंबा हो गया। वे पिछले साल 5 जून को बोइंग स्टारलाइनर से अंतरिक्ष में गए थे और आज स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए धरती पर लौटे।

समुद्र में सफल लैंडिंग

स्पेस कैप्सूल ने पैराशूट खोलने के बाद फ्लोरिडा तट के पास महासागर में सुरक्षित लैंडिंग की। उनके साथ नासा के निक हेग और रोस्कोस्मोस के अलेक्ज़ेंडर गॉर्बुनोव ने भी 17 घंटे का यह सफर तय किया।

नासा की टीम ने कैप्सूल का हैच खोला और अंतरिक्ष यात्रियों को बाहर निकलने में मदद की। बाहर आते ही सुनीता विलियम्स ने मुस्कान के साथ हाथ हिलाया और अंगूठा दिखाकर इशारा किया, जिससे उनकी खुशी साफ झलक रही थी।

कैप्सूल ने रात 2:41 बजे (IST) डीऑर्बिट बर्न प्रक्रिया शुरू की, जिसमें स्पेसक्राफ्ट के इंजन चालू कर उसे धीमा किया जाता है। इसके बाद 44 मिनट बाद सुबह 3:27 बजे यह महासागर में उतरा

स्पेसएक्स ने संभाली वापसी की जिम्मेदारी

क्रू-9 स्पेसक्राफ्ट सुबह 10:35 बजे (IST) आईएसएस से अनडॉक हुआ, जिसका वीडियो नासा ने साझा किया। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को क्रू-9 को सुरक्षित वापस लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस मिशन के लिए फाल्कन 9 रॉकेट पर स्थित ड्रैगन कैप्सूल को लॉन्च किया गया था। अब क्रू-10 ने आईएसएस पर क्रू-9 की जगह ले ली है

अमेरिकी राजनीति में छिड़ा विवाद

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसने अंतरिक्ष यात्रियों को वहां छोड़ दिया था। इस पर व्हाइट हाउस ने जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपना वादा निभाया और इस मिशन की सफलता पर खुशी जताई।

अंतरिक्ष में फंसे रहने की कहानी

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर, दोनों नौसेना के पूर्व पायलट, पिछले साल 5 जून को बोइंग स्टारलाइनर के पहले क्रू मिशन के तहत अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे थे। लेकिन, स्टारलाइनर में प्रोपल्शन सिस्टम की खराबी के कारण उसे अनुपयोगी घोषित कर दिया गया और वह सितंबर में बिना किसी चालक दल के पृथ्वी पर लौट आया

उनकी वापसी को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच नासा ने उन्हें स्पेसएक्स के क्रू-9 मिशन में स्थानांतरित कर दिया। सितंबर में ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को सिर्फ दो अंतरिक्ष यात्रियों के साथ भेजा गया, ताकि सुनीता और विलमोर के लिए जगह बनाई जा सके।

अंततः कई देरी के बाद, रविवार को एक राहत दल आईएसएस पर पहुंचा और उनके लौटने का रास्ता साफ हुआ।

धरती पर लौटने के बाद नई चुनौतियां

अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है

  • हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी: नासा के अनुसार, हर महीने अंतरिक्ष में रहने पर हड्डियों की घनत्व में 1% की कमी हो जाती है
  • गुरुत्वाकर्षण की कमी से मांसपेशियों का कमजोर पड़ना
  • रेडिएशन एक्सपोजर: पृथ्वी के वातावरण और चुंबकीय क्षेत्र की सुरक्षा के बिना, अंतरिक्ष यात्री अत्यधिक रेडिएशन के संपर्क में आते हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हो सकती हैं।

पीएम मोदी ने सुनीता विलियम्स को लिखा पत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स के प्रति गर्व जताते हुए उन्हें पत्र लिखा।

केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने सोशल मीडिया पर 1 मार्च को लिखा यह पत्र साझा किया। पीएम मोदी ने पत्र में लिखा, “मैंने अमेरिका की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन से आपकी कुशलता के बारे में पूछा। हमने इस पर चर्चा की कि आप हम सभी के लिए गर्व की बात हैं।”

उन्होंने आगे लिखा, “1.4 अरब भारतीय हमेशा आपकी उपलब्धियों पर गर्व करते आए हैं। हाल की घटनाओं ने फिर से आपकी अद्वितीय दृढ़ता और साहस को उजागर किया है।”

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