गुरुवार को एक परिवार न्यायालय ने भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी पत्नी धनश्री वर्मा द्वारा दायर आपसी सहमति से तलाक की याचिका को मंजूरी दे दी। दोनों पूर्व दंपति बांद्रा के पारिवारिक न्यायालय में पेश हुए थे। चहल के वकील नितिन गुप्ता ने पुष्टि की कि अदालत ने आपसी सहमति से तलाक के लिए दायर संयुक्त याचिका को स्वीकार कर लिया है।
2022 में हुए थे अलग
युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा की शादी दिसंबर 2020 में हुई थी। तलाक की याचिका के अनुसार, वे जून 2022 में अलग हो गए थे। 5 फरवरी 2025 को दोनों ने परिवार न्यायालय में आपसी सहमति से तलाक की याचिका दायर की थी।
IPL से पहले हुआ तलाक का फैसला
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को परिवार न्यायालय को निर्देश दिया कि वह गुरुवार तक इस तलाक याचिका पर निर्णय ले। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि चहल आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में हिस्सा लेने के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।
IPL T20 क्रिकेट टूर्नामेंट 22 मार्च से शुरू हो रहा है और चहल पंजाब किंग्स टीम का हिस्सा हैं।
छह महीने की अनिवार्य प्रतीक्षा अवधि समाप्त
हिंदू विवाह अधिनियम के तहत, तलाक की याचिका दायर करने के बाद छह महीने का कूलिंग-ऑफ पीरियड (प्रतीक्षा अवधि) अनिवार्य होता है, ताकि दंपति सुलह के प्रयास कर सकें।
हालांकि, चहल और धनश्री ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस अवधि को माफ करने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
अलीमनी भुगतान पर विवाद
परिवार न्यायालय ने पहले 20 फरवरी को छह महीने की प्रतीक्षा अवधि समाप्त करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने पाया कि चहल को धनश्री को 4.75 करोड़ रुपये देने थे, लेकिन उन्होंने सिर्फ 2.37 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
हालांकि, हाईकोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि तलाक की शर्तों के अनुसार, शेष राशि का भुगतान तलाक की डिक्री मिलने के बाद किया जाना था। इसलिए, कोर्ट ने सहमति से तलाक को मंजूरी दे दी।