‘यूके पीएम हों या न हों, उन्हें बेटे जैसा प्यार करती हूं’: सुधा मूर्ति का ऋषि सुनक पर बयान

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राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक भले ही कुछ वर्षों तक यूके के प्रधानमंत्री रहे हों, लेकिन इससे उनके आपसी रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ा। लेखिका और समाजसेवी सुधा मूर्ति ने NDTV के ‘India Through the Eyes of Its Icons’ शो में यह बात कही।

“वह प्रधानमंत्री हों या न हों, वह हमारे दामाद हैं और हम उन्हें हमेशा उसी तरह प्यार करते रहेंगे,” सुधा मूर्ति ने कहा।

उन्होंने शेक्सपियर के प्रसिद्ध नाटक ‘किंग लियर’ का जिक्र करते हुए तीसरी बेटी के संवाद को उद्धृत किया – “जैसे किंग लियर की तीसरी बेटी ने कहा था, ‘मैं अपने पिता को उतना ही प्यार करती हूं जितना एक बेटी को करना चाहिए।’ उसी तरह, ऋषि का पद कुछ भी हो, मैं उन्हें एक नए बेटे की तरह प्यार करती हूं।”

ऋषि सुनक के पीएम बनने से बदल गई दुनिया की नजर

सुधा मूर्ति ने यह भी कहा कि सुनक के प्रधानमंत्री बनने से उनके रिश्ते में तो कोई बदलाव नहीं आया, लेकिन दुनिया ने उन्हें अलग नजरिए से देखना शुरू कर दिया।

“जब आपके पास बहुत पैसा आता है, तो लोग आपको अलग नजर से देखने लगते हैं। नए दोस्त बनते हैं, नए परिचित मिलते हैं,” उन्होंने कहा।

उन्होंने बताया कि जब ऋषि सुनक यूके के प्रधानमंत्री बने, तो लोग उनसे इंग्लैंड में कई तरह की सिफारिशें करने लगे।

“लोग मुझसे कहने लगे – ‘आपके दामाद पीएम हैं, क्या हम यह काम करवा सकते हैं?’ लेकिन मैंने उन्हें साफ कह दिया कि वह दूसरे देश के प्रधानमंत्री हैं और मैं उनसे कोई सिफारिश नहीं कर सकती।”

10 डाउनिंग स्ट्रीट में रहने को लेकर सवाल

सुधा मूर्ति ने यह भी बताया कि लोग उनसे 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बारे में कई सवाल पूछते थे।

“लोग पूछते थे कि 10 डाउनिंग स्ट्रीट में जिंदगी कैसी होती है? आप वहां रहती हैं या नहीं?”

इस पर उन्होंने जवाब दिया कि “हां, मैं वहां गई थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से मुझे बाहर रहना ज्यादा पसंद था।”

पति नारायण मूर्ति को बताया ‘सरल इंसान’

इसी कार्यक्रम में सुधा मूर्ति ने अपने पति और इन्फोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के बारे में भी बात की।

उन्होंने बताया कि उनके पति बहुत साधारण व्यक्ति हैं, और यह उनके लिए एक अच्छा अनुभव रहा।

“अगर वह कुछ और चाहते और मैं कुछ और चाहती, तो जिंदगी बहुत मुश्किल हो जाती। लेकिन उनकी सादगी की वजह से हम पैसे के साथ या बिना पैसे के भी एक जैसी जिंदगी जी पाए,” उन्होंने कहा।

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