असम सरकार ने शुक्रवार को निजी कोचिंग सेंटरों को विनियमित करने के लिए एक बिल विधानसभा में पेश किया। इस बिल के तहत सभी कोचिंग संस्थानों के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा और संचालन के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा।
शिक्षा मंत्री राणोज पेगु द्वारा प्रस्तुत “असम कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025” का उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बेहतर शैक्षणिक सहयोग प्रदान करने हेतु निजी कोचिंग केंद्रों को नियंत्रित और विनियमित करना है।
मुख्य प्रावधान:
✅ सभी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण अनिवार्य होगा, चाहे वे इस कानून के लागू होने से पहले ही संचालित क्यों न हो रहे हों।
✅ कोई भी कोचिंग सेंटर धर्म परिवर्तन से जुड़ी गतिविधियों में संलिप्त नहीं होगा और संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का पालन करना अनिवार्य होगा।
✅ पंजीकरण के लिए संस्थानों को पाठ्यक्रम, कक्षाओं की अवधि, सह-पाठ्यक्रम गतिविधियाँ, शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता, शुल्क संरचना, भौतिक सुविधाएँ और अन्य विवरण प्रस्तुत करने होंगे।
✅ पंजीकरण प्रमाणपत्र की अवधि दो वर्ष होगी, जिसके बाद नवीनीकरण के लिए फिर से आवेदन करना होगा।
✅ संबंधित प्राधिकरण को आवेदन प्राप्त होने के तीन महीनों के भीतर इसे स्वीकार या अस्वीकार करना होगा।
✅ सरकार डिजिटल पोर्टल या ऑनलाइन व्यवस्था तैयार करेगी, जिससे फेसलेस पंजीकरण प्रक्रिया को न्यूनतम मानव हस्तक्षेप के साथ पूरा किया जा सकेगा।
✅ यदि कोई कोचिंग संस्थान बिल के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, तो सरकार उसका पंजीकरण निलंबित या रद्द कर सकती है।
यह विधेयक राज्य में कोचिंग संस्थानों की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है।