Google ने अपने ओपन सोर्स Android ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) के विकास में बदलाव करने का फैसला किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी अपने विकास प्रक्रिया को अधिक सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाने के लिए यह कदम उठा रही है। अब तक Android का विकास सार्वजनिक और आंतरिक दोनों शाखाओं पर होता था, लेकिन अब Google इसे पूरी तरह से निजी शाखा में स्थानांतरित करने जा रहा है। हालांकि, कंपनी नई Android रिलीज़ के लिए सोर्स कोड प्रकाशित करती रहेगी, जिससे कस्टम ROM डेवलपर्स और अन्य प्लेटफ़ॉर्म डेवलपर्स पर इसका विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा।
क्यों Google अब Android को निजी शाखाओं पर विकसित करेगा?
Android Authority की रिपोर्ट के अनुसार, Google अगले सप्ताह से Android विकास को पूरी तरह अपनी आंतरिक शाखाओं में स्थानांतरित करेगा। इसका मतलब है कि अब Android OS को निजी रूप से विकसित किया जाएगा और सिस्टम में किए गए बदलावों का सोर्स कोड केवल नई शाखा के प्रकाशित होने के बाद ही उपलब्ध होगा।
अब तक, Google दो शाखाओं में Android विकसित करता था—
- Android Open Source Project (AOSP) शाखा, जो सार्वजनिक थी।
- Google की आंतरिक शाखा, जो कंपनी के अंदर उपयोग की जाती थी।
अधिकांश सॉफ़्टवेयर कंपनियां ब्रांचिंग का उपयोग करती हैं ताकि डेवलपर्स एक ही कोडबेस पर सहयोग कर सकें। लेकिन, AOSP शाखा अक्सर Google की आंतरिक शाखा से पीछे रह जाती थी, जिससे नए फीचर्स को लागू करने में देरी और कोड मर्जिंग के दौरान त्रुटियां आने की संभावना बढ़ जाती थी। इसीलिए, अब Android OS के कुछ हिस्सों, जैसे ब्लूटूथ कंपोनेंट्स, को भी निजी रूप से विकसित किया जाएगा।
Google ने इस बदलाव की पुष्टि की है और कहा कि Android का सोर्स कोड प्रकाशित किया जाता रहेगा, जिससे यह ओपन सोर्स प्रोजेक्ट बना रहेगा। साथ ही, कंपनी Android कर्नेल (जो Linux कर्नेल से फोर्क किया गया है) का सोर्स कोड भी जारी करती रहेगी।
इस बदलाव का डेवलपर्स और उपयोगकर्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
- ऐप डेवलपर्स और उपभोक्ताओं के लिए यह बदलाव कोई बड़ा प्रभाव नहीं डालेगा।
- कस्टम ROM डेवलपर्स (जैसे LineageOS) पर भी इसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि वे आमतौर पर Google के स्थिर रिलीज़ टैग्स पर निर्भर रहते हैं।
- हालांकि, तकनीकी समाचार वेबसाइटें, जो AOSP पैच के माध्यम से Android के नए फीचर्स का पता लगाती थीं, अब इन जानकारियों तक पहले की तरह नहीं पहुंच सकेंगी।
Google के इस कदम से Android OS का विकास अधिक नियंत्रित और प्रभावी हो सकता है, जिससे भविष्य में बेहतर और अधिक स्थिर Android संस्करण जारी किए जा सकेंगे।