म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में मृतकों की संख्या 1,644 तक पहुंच गई है, जबकि 3,408 लोग घायल हुए हैं। शनिवार को देश की सत्तारूढ़ जुंटा ने यह जानकारी दी। शुक्रवार को सगाइंग शहर के उत्तर-पश्चिम में आए इस उथले भूकंप ने म्यांमार के बड़े हिस्से में भारी तबाही मचाई।
वहीं, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी इस भूकंप से तबाही मची, जहां एक निर्माणाधीन इमारत ढहने से कई मजदूर फंस गए। राहत दल मजदूरों को मलबे से निकालने में जुटे हैं।
म्यांमार में राहत कार्य तेज, अस्पतालों को समन्वय के साथ काम करने के निर्देश
म्यांमार के पड़ोसी देशों ने राहत सामग्री और बचाव दलों से लैस जहाज और विमान भेजे हैं। अंतरराष्ट्रीय सहायता धीरे-धीरे तेज हो रही है।
म्यांमार की सत्तारूढ़ जुंटा के प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग हलाइंग ने कहा, “सभी सैन्य और नागरिक अस्पतालों को, साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों को, एक संगठित और प्रभावी तरीके से काम करना होगा ताकि चिकित्सा सेवाएं सुचारू रूप से संचालित हो सकें।”
यूएस जियोलॉजिकल सर्विस (USGS) के पूर्वानुमान के अनुसार, म्यांमार में मृतकों की संख्या 10,000 तक पहुंच सकती है, और देश को होने वाला आर्थिक नुकसान उसके वार्षिक आर्थिक उत्पादन से अधिक हो सकता है।
बैंकॉक में इमारत ढहने से 17 की मौत, 83 लोग लापता
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है, जबकि 32 लोग घायल हैं और 83 अब भी लापता हैं।
30-मंजिला निर्माणाधीन टावर ब्लॉक ढहने से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। यहां 70 से अधिक मजदूरों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
राहत कार्य तेजी से जारी है, भारी क्रेन और सैकड़ों बचावकर्मी मलबा हटाने में लगे हैं। बीते 40 घंटे में दो शव बरामद किए गए, लेकिन कई लोग अब भी फंसे हुए हैं।
म्यांमार में सड़कें और बुनियादी ढांचा बुरी तरह क्षतिग्रस्त, राहत अभियान में बाधा
संयुक्त राष्ट्र (UN) के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) ने कहा कि म्यांमार में क्षतिग्रस्त सड़कें और बुनियादी ढांचा राहत कार्यों को प्रभावित कर रहे हैं।
“यांगून-ने पी तॉ-मांडले एक्सप्रेसवे को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे बस सेवाएं बाधित हो गई हैं। सड़क पर दरारें और सतह में विकृति आ गई है, जिससे यातायात ठप हो गया है।”
बचाव कार्यों में थाईलैंड ने उतारे ‘रोबोटिक खच्चर’
थाईलैंड ने शनिवार को बचाव कार्यों में “रोबोटिक म्यूल्स” (रोबोटिक खच्चर) का उपयोग किया। JJ मॉल चातुचक क्षेत्र में भूकंप से ढही इमारत के मलबे को हटाने के लिए इनका प्रयोग किया गया।
भारत ने भी 137 टन राहत सामग्री भेजी है, और आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त सहायता भेजी जाएगी।
‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना के साथ भारत ने दी म्यांमार को त्वरित मदद
भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार को तेजी से सहायता भेजते हुए अपनी “पहले उत्तरदाता” (First Responder) की भूमिका को दोहराया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “जब हम ‘वसुधैव कुटुंबकम’ (दुनिया एक परिवार है) कहते हैं, तो हम इसे सिर्फ शब्दों में नहीं बल्कि अपने कार्यों से साबित करना चाहते हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया और कहा कि भारत हमेशा ऐसे संकटों में सबसे पहले मदद के लिए आगे आता है।
थाईलैंड में सामान्य हो रही स्थिति, राहत एजेंसियां अलर्ट पर
थाईलैंड में हवाई अड्डे, रेलवे, सड़क और नौका सेवाएं सामान्य रूप से काम कर रही हैं। जरूरी सेवाएं, व्यवसाय और पर्यटन सेवाएं सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं।
थाईलैंड की मौसम विज्ञान विभाग (TMD) ने कई आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटके) दर्ज किए हैं, लेकिन उनकी तीव्रता कम थी और कोई अतिरिक्त नुकसान नहीं हुआ।
हालांकि, थाईलैंड की आपदा निवारण और शमन विभाग (DDPM), बैंकॉक प्रशासन (BMA) और अन्य एजेंसियां स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत पड़ने पर तत्काल मदद देने के लिए तैयार हैं।