नए वित्तीय वर्ष 2025-26 (FY26) की शुरुआत के साथ कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू होंगे, जो करदाताओं, वेतनभोगी कर्मचारियों और उपभोक्ताओं को प्रभावित करेंगे। इनमें नया इनकम टैक्स स्लैब, UPI नियमों में बदलाव और बैंक बैलेंस की नई शर्तें शामिल हैं।
1. नया इनकम टैक्स नियम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में घोषणा की थी कि 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय कर-मुक्त होगी। 1 अप्रैल से लागू होने वाले इस नए ढांचे के तहत वेतनभोगी व्यक्तियों को 75,000 रुपये का मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) मिलेगी, जिससे 12.75 लाख रुपये तक की सैलरी टैक्स-फ्री हो जाएगी।
2. पेंशन योजना में बदलाव
अगस्त 2024 में पेश की गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) अब पुरानी पेंशन योजना की जगह लेगी। यह बदलाव लगभग 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को प्रभावित करेगा। जिन कर्मचारियों की सेवा अवधि 25 वर्ष या उससे अधिक होगी, उन्हें अंतिम 12 महीनों की औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
3. क्रेडिट कार्ड नियमों में बदलाव
कई बैंक अपने क्रेडिट कार्ड रिवार्ड पॉइंट सिस्टम में बदलाव कर रहे हैं:
- SBI SimplyCLICK और Air India SBI Platinum क्रेडिट कार्ड में रिवॉर्ड पॉइंट की नई संरचना लागू होगी।
- एक्सिस बैंक अपने Vistara क्रेडिट कार्ड के लाभों को अपडेट करेगा, क्योंकि Vistara का Air India के साथ विलय हो चुका है।
4. UPI नियमों में बदलाव
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI ट्रांजैक्शनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए नए नियम लागू किए हैं:
- निष्क्रिय मोबाइल नंबरों से जुड़े UPI खाते 1 अप्रैल से बंद कर दिए जाएंगे।
- यदि किसी उपयोगकर्ता ने लंबे समय तक अपने मोबाइल नंबर से UPI का उपयोग नहीं किया है, तो उन्हें बैंक में अपने विवरण अपडेट करने होंगे।
- PhonePe, Google Pay जैसे थर्ड-पार्टी UPI प्रोवाइडर्स और बैंक निष्क्रिय नंबरों को चरणबद्ध तरीके से हटाएंगे।
5. बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस नियम
SBI, PNB और Canara Bank सहित कई बड़े बैंक 1 अप्रैल से न्यूनतम बैलेंस की नई शर्तें लागू करेंगे। यदि ग्राहक निर्धारित न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने में असफल होते हैं, तो उन्हें जुर्माना देना पड़ सकता है।
6. GST नियमों में बदलाव
- मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) अनिवार्य होगा, जिससे GST पोर्टल पर लॉगिन करते समय अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी।
- ई-वे बिल केवल 180 दिनों से अधिक पुराने दस्तावेजों के आधार पर जनरेट नहीं किया जा सकेगा।
नए नियमों को ध्यान में रखते हुए अपने वित्तीय लेन-देन की योजना बनाएं और समय पर आवश्यक अपडेट करें।