भारतीय मूल के अनुराग बाजपेयी, जो अमेरिका की एक क्लीन वॉटर स्टार्टअप Gradiant के सीईओ हैं, को अमेरिका में हाई-एंड वेश्यालय से जुड़े मामले में हिरासत में लिया गया है। New York Post की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की शुरुआत में बोस्टन कोर्ट दस्तावेज़ों में उनका नाम उन लोगों में शामिल था, जिन पर भारी रकम देकर यौन सेवाएं लेने का आरोप लगा है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, बाजपेयी एक ऐसे एक्सक्लूसिव क्लाइंट ग्रुप का हिस्सा थे जिसमें डॉक्टर्स, वकील, सरकारी अधिकारी और कॉन्ट्रैक्टर्सशामिल थे। जांच में पाया गया कि इन पुरुषों ने अधिकतर एशियाई मूल की महिलाओं से मिलने के लिए $600 प्रति घंटा तक का भुगतान किया, और इन महिलाओं के यौन तस्करी में फंसे होने की आशंका है।
हालांकि कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने उनके इस्तीफे की मांग की, लेकिन Gradiant ने उन्हें समर्थन दिया और एक आधिकारिक बयान में न्यायपालिका पर भरोसा जताया।
“हम न्याय प्रणाली में विश्वास करते हैं और आश्वस्त हैं कि यह मामला उचित रूप से सुलझेगा। इस मामले से अलग, Gradiant अपनी तकनीकी इनोवेशन की दिशा में काम करता रहेगा और समाज के लिए स्वच्छ जल सुनिश्चित करने के अपने मिशन पर अडिग रहेगा।”
अनुराग बाजपेयी कौन हैं?
अनुराग बाजपेयी अमेरिका स्थित Gradiant कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ हैं, जो अत्याधुनिक जल और अपशिष्ट जल उपचार समाधानप्रदान करती है। भारत में जन्मे बाजपेयी को आज क्लीनटेक इंडस्ट्री के एक प्रमुख नेता के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 2013 में MIT (मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) से निकली इस स्टार्टअप को $1 बिलियन से अधिक वैल्यूएशन वाली एक वैश्विक कंपनी में तब्दील किया है।
उनकी कंपनी वर्तमान में 25 से अधिक देशों और 2,500 से ज़्यादा सुविधाओं में काम कर रही है, विशेषकर सेमिकंडक्टर्स, फार्मास्युटिकल्स, माइनिंग और फूड-एंड-बेवरज जैसे क्षेत्रों की जल संबंधी समस्याओं को हल करने पर फोकस करती है।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि
- स्कूलिंग: ला मार्टिनियर कॉलेज, लखनऊ
- इंजीनियरिंग (BSc): यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी-कोलंबिया, 2006
- मास्टर्स और PhD: MIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स (2008) और पीएचडी (2012)
उनका शोध कार्य औद्योगिक डिसालिनेशन (समुद्री जल शुद्धिकरण) और जल उपचार पर केंद्रित था। उन्होंने जो मेम्ब्रेन-फ्री डिसालिनेशन तकनीकविकसित की थी, उसे Scientific American ने “Top 10 World-Changing Ideas” में शामिल किया था।
निष्कर्ष:
जहां एक ओर अनुराग बाजपेयी को जल प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है, वहीं दूसरी ओर उन पर लगे गंभीर आरोप उनके करियर को बड़ा झटका दे सकते हैं। अब निगाहें इस केस की आगे की कानूनी प्रक्रिया पर टिकी हैं।